इसके बाद किचन के फर्श पर भी इस तरह की तस्वीरें उभरने लगीं। ये किस्सा मशहूर हो गया और लोग उनके घर खासतौर पर ये देखने आने लगे। ये चेहरे बनते थे और कुछ समय बाद खुद गायब हो जाते थे। इसके पीछे कई कारण बताए गए। फिर भी ये बीसवीं सदी की एक रहस्यमयी घटना मानी गई।
जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रेइबर्ग के डॉक्टर हैंस बैंडर ने स्पेन के डॉक्टर जर्मन डे अगरूमोसा के साथ इस केस का अध्ययन किया। मारिया के किचन में जहां चेहरे बनते थे, उन्होंने वहां प्लास्टिक की प्लेट्स लगा दीं। कई हफ्तों बाद प्लेट्स के नीचे पानी गाढ़ा होने पर प्लेट्स हटाई गईं। उन्होंने देखा प्लेट्स के नीचे भी ये चेहरे बन गए थे। 1974 तक ये सिलसिला चलता रहा।
इसके बाद मारिया ने नया किचन बनवा लिया। वहां भी ऐसे चेहरे नजर आने लगे। प्रोफेसर अगरूमोसा की रिपोर्ट नवंबर 1976 में छपी थी। उसमें उन्होंने कुछ भी रहस्यमयी नहीं बताया था फिर भी ऐसा क्यों होता था ये साबित नहीं किया जा सक था। लोगों का कहना था कि मारिया का घर 11वीं सदी में मारे गए लोगों के कब्रिस्तान पर बना था।
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