नई दिल्ली.भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में 11 अक्टूबर से रथयात्रा निकाल रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस बार एक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बस को अपने 'रथ' के तौर पर इस्तेमाल करेंगे जिसमें लिफ्ट के अलावा दूरसंचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
आडवाणी की यह 'रथयात्रा' 18 राज्यों से गुजरते हुए 12,000 किलोमीटर का सफर पूरा करेगी।
भाजपा के सचिव श्याम जाजू ने बताया कि 'रथ' के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एक अत्याधुनिक बस पुणे में तैयार की जा रही है। यह बस आडवाणी की 'जनचेतना यात्रा' शुरु होने से पहले बिहार पहुंच जाएगी।
जाजू ने बताया,"बस में लिफ्ट, टेलीविजन, कम्प्यूटर और लोगों को सम्बोधित करने की प्रणाली लैस होगी। इसमें उनके आराम करने की जगह भी होगी और लोगों से बातचीत करने का भी स्थान होगा।"
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने जयप्रकाश नारायण के जन्म स्थान बिहार के सिताब दियारा से उनके जन्मदिन 11 अक्टूबर को आडवाणी की रथयात्रा की शुरुआत करने का एलान किया है।
जाजू कहते हैं कि बस सिताब दियारा सम्भवत: नहीं पहुंच पाएगी क्योंकि वहां गांव में अभी भी बाढ़ का पानी जमा है। उन्होंने कहा कि 84 वर्षीय आडवाणी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता सम्भ्वत: हेलीकॉप्टर से सिताब दियारा पहुंचकर जयप्रकाश नारायण को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। ये लोग फिर यहां से छपरा जाएंगे, जहां से आडवाणी की यात्रा आगे बढ़ेगी।
जाजू ने बताया कि आडवाणी की 'जन चेतना' यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश में 'सुशासन और साफ सुथरी राजनीति'कायम करना है। यह यात्रा 18 राज्यों और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 20 नवम्बर को दिल्ली में समाप्त होगी।
जाजू ने कहा कि आडवाणी की यात्रा चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,पंजाब,गोवा होते हुए अरुणाचल प्रदेश,पश्चिम बंगाल ओर असम से होकर गुजरेगी।
इस यात्रा के दौरान आडवाणी प्रतिदिन नौ बजे सुबह एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे और उनकी यात्रा सुबह 10 बजे शुरू होकर रात 10 बजे तक जारी रहेगी। छोटी बैठकों के अलावा आडवाणी प्रतिदिन चार रैलियों को सम्बोधित करेंगे।
आडवाणी की रथयात्रा में उनके साथ 18 वाहनों का काफिला रहेगा,जिसमें एक एंबुलेंस और एक सुरक्षा घेरा मौजूद रहेगा। भाजपा महासचिव अनंत कुमार इस यात्रा के मुख्य समन्वयक होंगे तथा उनके अलावा रविशंकर प्रसाद, मुरलीधर राव और जाजू सह-समन्वयक होंगे।
उल्लेखनीय है कि जयप्रकाश नारायण ने वर्ष 1974 में 'सम्पूर्ण क्रांति' का नारा दिया था, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इस आंदोलन के असर की वजह से ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को वर्ष 1975 में आपातकाल लागू करना पड़ा था और वर्ष 1977 में हुए आम चुनाव में उन्हें सत्ता गवानी पड़ी थी।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 अक्तूबर 2011
आडवाणी के 'रथ' में टेलीविजन, कम्प्यूटर से लेकर लिफ्ट तक
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