आपका-अख्तर खान

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24 अक्टूबर 2011

हम क्या करे ...

बीच मंझधार में
छोड़ कर धोखा देकर
जो चले गये
उनसे हमे कोई
गिला शिकवा नहीं
हम क्या करे
हमे
मिला ही कुछ
ऐसा नसीब है ......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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