जवाहर नगर थाने के एएसआई रमेशचंद शर्मा ने बताया कि कोटा निवासी लोकेंद्र जैन अमेरिका में रह रहे है। उनकी इन्कम टैक्स से संबंधित एक पत्रावली इन्कम टैक्स ऑफिसर एमपी सिंह के पास लंबित हैं। जैन के मित्र देवेंद्र शर्मा इस काम को देख रहे हैं। तीन-चार दिन पहले टिपटा निवासी विजयेंद्र सिंह पंवार (28) पुत्र भंवरसिंह पंवार ने देवेंद्र शर्मा से संपर्क साधा और स्वयं को इन्कम टैक्स ऑफिसर एमपी सिंह का बेटा बताते हुए 25 हजार रुपए की एवज में मामला सैटल करवाने की बात कही।
शर्मा इस पर सोमवार सुबह फाइल लेकर एमपी सिंह के घर पहुंच गए और घटनाक्रम बताया लेकिन, एमपी सिंह ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उनका तो एक ही बेटा वैभव है, जो अभी घर पर ही है। विजयेंद्र नाम का उनका कोई बेटा नहीं हैं और करीब एक साल से वो उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा है।
घर पर कथित बेटे को पकड़ने की योजना बनाई। मोबाइल पर संपर्क कर रुपए लेने के लिए इन्कम टैक्स कॉलोनी के बाहर बुलाया। दोपहर करीब 3.30 बजे विजयेंद्र आया और रुपए लेने लगा तो खुद एमपी सिंह भी मौके पर पहुंच गए और उसे दबोच लिया। पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने ले गई। मामले में पूछताछ जारी है।
एक साल से कर रहा लोगों से ठगी
एमपी सिंह ने बताया कि विजयेंद्र सिंह करीब एक साल से उनके नाम का दुरुपयोग कर रहा था। अब तक तीन चार प्रकरण उनके सामने आए है। सालभर पहले विजयेंद्र ने भामाशाह मंडी के एक व्यापारी को फोन कर 20 हजार रुपए मांगे। व्यापारी ने दफ्तर आकर मामले की जानकारी दी।
रुपए लेने के लिए विजयेंद्र ने सीवी गार्डन बुलवाया था, मैं व्यापारी के साथ वहां गया भी, लेकिन रुपए लेने नहीं आया। हाउसिंग बोर्ड में कार्यरत कर्मचारी दिनेश सक्सेना से भी उनके घर जाकर पांच हजार रुपए इस बात के लिए ले लिए कि वो अपने पापा एमपी सिंह से कहकर इंजीनियरिंग कॉलेज में अटका काम करवा देगा।
काम नहीं होने पर जब रुपए वापस मांगे तो इन्कम टैक्स की रेड डलवाने की धमकी देने लगा। सक्सेना उनके घर आए और मामले की जानकारी दी। चार-पांच महीने पहले भी श्रीपुरा में मछली मार्केट में चिकन विक्रेता नासिर से भी 2 हजार रुपए की मांग की थी।
मैं आपका बेटा तो नहीं पर बेटे जैसा हूं, प्लीज छोड़ दो
इन्कम टैक्स कॉलोनी के बाहर जब विजयेंद्र 25 हजार रुपए लेने आया और धरा गया तो रोने गिड़गिड़ाने लग गया। एमपी सिंह के पैर पकड़ने हुए माफ करने की गुहार करने लगा। बोला सर, मैं आपका बेटा तो नहीं पर बेटे जैसा ही हूं।
प्लीज, माफ कर दीजिए। इतने में पुलिस भी पहुंच गई। मौके पर काफी लोग एकत्र हो गए। जिसने भी घटनाक्रम सुना दंग रह गया। पुलिस इस बात की पूछताछ कर रही है कि आखिर उसने इन्कम टैक्स ऑफिसर के नाम का मिसयूज क्यों किया। कितने लोगों से अब तक ठगी की और इसके साथ कौन-कौन लोग जुड़े है।
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