जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं, रोटी, कपड़ा और मकान। इन्हें पूरी करने के लिए ही सभी दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन कुछ लोग इन तीनों जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसी वजह से काफी लोग जो कुछ भी नहीं कर पाते हैं वे भीख मांगना शुरू कर देते हैं। आज लगभग सभी सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में भिखारी मौजूद रहते हैं।
अक्सर ऐसा होता है कि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर कुछ खा रहे होते हैं ठीक उसी समय कोई भिखारी आपके खाने को देखता रहता है। ऐसे में काफी लोग उसे अनदेखा करके खाना खाते रहते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में भिखारी को अनदेखा नहीं करना चाहिए। बल्कि हम जो भी खा रहे हो उसमें कुछ अंश निकालकर उसे दे देना चाहिए।
यदि कोई भिखारी लगातार आपके खाने की ओर नजर लगाए खड़ा रहता है तो इससे आपको उसकी बुरी नजर लग सकती है। जिससे खाना ठीक से पचता नहीं है और पेट संबंधी बीमारी होने की संभावना रहती है। इससे बचने के लिए जब भी किसी सार्वजनिक स्थान कुछ खाए तो ध्यान रखें कि कोई भिखारी वहां न हो, या आप पर उसकी सीधी नजर न पड़े। यदि कोई भिक्षुक आपके सामने आ भी जाए तो अपने खाने में से उसे कुछ अंश अवश्य दे देना चाहिए। शास्त्रों में भिक्षुक का भी काफी महत्व बताया गया है। इन्हें खाना दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं मानवता का भी धर्म बताया गया है किसी भुखे व्यक्ति को खाना खिलाना चाहिए।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 अक्टूबर 2011
जब कोई गरीब या भिखारी आपको खाना खाते देखे तो क्या और क्यों करें?
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