
सूरज के उबलते रूप की इस तरह की तस्वीरें नहीं देखी होंगी। हैरान कर देने वाली ये तस्वीरें नासा के उपग्रह सोलर डायनमिक ऑब्जर्वेटरी सैटेलाइट (एसडीओ) द्वारा ली गई हैं। कुछ तस्वीरों में सूर्य से पराबैगनी और एक्स-रे स्पेक्ट्रम के प्रकाश निकल रहे हैं। ये एक्स-रे और पराबैगनी तस्वीरें, सूरज कैसे कार्य करता है ? इसे समझने में वैज्ञानिकों की मदद करती हैं।
एसडीओ द्वारा ली गई इन छवियों का आशय है कि किसी भी दूसरे सोलर आब्जर्विंग स्पेसक्राफ्ट की तुलना में नासा धरती पर कहीं व्यापक वैज्ञानिक आंकड़े भेजता है। प्रतिदिन यह 1.5 टेट्राबाइट आंकड़े भेजता है जो कि एक एमपी-थ्री पर 5 लाख गानों के बराबर होता है।
नासा का सोलर डायनामिक्स ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) केप कानवेरल,फ्लोरिडा से फरवरी 2010 में प्रक्षेपित किया गया। मुख्य वैज्ञानिक डीन पेस्नेल ने कहा कि इसके पास पहले से अप्रमाणित कम से कम एक सिद्धांत है लेकिन उन्होंने विवरण देने से इंकार कर दिया।
एसडीओ पांच वर्ष के मिशन पर है। जिसकी अनुमानित लगात 855 मिलियन डॉलर है। यह सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्रों का परीक्षण करेगा और पृथ्वी की जलवायु में सूर्य की भूमिका की बेहतर समझ उपलब्ध कराएगा।
यह इसका भी परीक्षण करेगा कि सूर्य का चुम्बकीय क्षेत्र कैसे उत्पन्न होता है और अशांत सौर हवाओं के रूप में कैसे हिंसात्मक सौर घटनाओं में बदलता है। उम्मीद है कि इसके जरिए वैज्ञानिक समझ सकेंगे कि डैमेज सौर ज्वालाएं कैसे संचार उपग्रहों और बिजली आपूर्ति में मदद कर सकती हैं।
एसडीओ धरती से 22,000 मील दूर चक्कर लगा रहा है।





्वाह …………अद्भुत्।
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