गांव मे चप्पल चोर कुत्तों की दहशत इस कदर व्याप्त है कि यहां के वाशिंदे घर के बाहर अथवा खेत खलिहान में जूते चप्पल नहीं उतारते और यही नहीं यहां धाíमक स्थलों में जूते चप्पल की देखभाल के लिये विशेष रूप से चौकीदार की नियुक्ति होने लगी है।
शेरू नामक इस कुत्तों की चप्पल चोरी के किस्से इलाके में इस कदर मशहूर है कि अब इसकी गूंज ग्राम पंचायत तक पंहुच गयी है। इस बारे में उसके स्वामी सभाजीत प्रजापति बताते हैं कि दो वर्ष पूर्व शेरू को वह छोटे पिल्ले के रूप में घर लाये थे।
शुरू में भूरे रंग का यह कुत्ता घर में पड़ी पादुकायें मुंह में दबाकर कोने में छिपा देता था, लेकिन बड़ा होने के साथ-साथ उसकी इस आदत में भी निखार आता गया और अब आलम यह है कि वह गांव भर के जूते चप्पल चुरा कर यहां ले आता है। इस आदत की वजह से उसे कई बार पिटाई का दंड भी भोगना पड़ा।
गांव वालों का क्या कहना
गांव के लोगों का कहना है कि मेला लगने या किसी के घर शादी विवाह के मौके पर शेरू की व्यस्तता बढ़ जाती है। चुराये गये जूते चप्पल को वह कोई नुकसान नहीं पहुंचाता बल्कि उसे एक सुरक्षित स्थान पर रख देता है।
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