कोटा.कोटा से करीब 40 किमी दूर गढ़ेपान स्थित सीएफसीएल फैक्ट्री के लेबर क्वार्टरों में बने सीवरेज टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से तीन सफाई कर्मियों की मौत हो गई। हादसा सोमवार सुबह 10 बजे के करीब हुआ। तीनों संविदा पर फैक्ट्री में कार्यरत थे।
पुलिस उपाधीक्षक संजय गुप्ता के अनुसार सफाई कर्मचारी खेड़ली निवासी सुरेश (40) पुत्र किशोर, प्रीतम (28) पुत्र बाबूलाल व पलायथा निवासी धनराज (30) सीवरेज टैंक को साफ करते समय संभवत: विषैली गैस से बेहोश हो गए।
उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां तीनों की मौत हो गई। पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए। हालांकि अभी पुलिस ने मौत का स्पष्ट कारण नहीं बताया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का सही पता चलेगा। जबकि मौके पर जमा लोगों के अनुसार टैंक में विषैली गैस के कारण तीनों का दम घुटा है।
साथी कर्मचारी महेंद्र ने बताया कि सीवरेज टैंक 10 फीट चौड़ा व 12 फीट लंबा है। इसकी गहराई करीब 5 फीट है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सफाई करने के लिए पहले प्रीतम टैंक में उतरा था।
उसके नहीं निकलने पर कुछ देर बाद धनराज टैंक में उतरा। वह भी काफी देर तक नहीं लौटा तो सुरेश भी टैंक में उतर गया। तीनों नहीं निकले, तब अन्य लोगों ने संभाला। वे तब बेहोशी की हालत में थे। तत्काल उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां तीनों को मृत घोषित कर दिया गया।
ठेकेदार सुशील द्वारा मृतकों के आश्रितों को प्रत्येक को 5-5 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। जबकि उपखंड अधिकारी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से 20 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की।
कंपनी का लेना-देना नहीं
सीएफसीएल कंपनी के सीनियर मैनेजर दीपक फाटक ने बताया कि फैक्ट्री से दूर पाचड़ा गांव में ठेकेदार शंभू जोशी ने अपने स्तर पर श्रमिकों के रहने के लिए कुछ क्वार्टर बना रखे हैं। वहां पर ही टैंक की सफाई करते समय हादसा हुआ है। इसमें कंपनी का कुछ लेना देना नहीं है। वे फैक्ट्री में संविदा पर कार्यरत थे।
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