फिर मंत्री व सीएम ऑफिस में क्यों नहीं है कार्य की तय अवधि, कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने खड़ा किया सवाल?
जयपुर। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत-महेंद्र सिंह) की कोर कमेटी के प्रदेश प्रभारी अबू बकर नकवी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है।
नकवी ने एक प्रेस कान्फे्रंस में कहा कि राज्य सरकार सिटीजन चार्टर लाने की बात कर रही है और मंत्री व मुख्यमंत्री के दफ्तरों के कर्मचारियों-अधिकारियों को उसके बाहर रख रही है। उनके द्वारा निपटाए जाने वाले कार्य की अवधि भी तय होनी चाहिए, क्योंकि सबसे ज्यादा फाइलें वहीं अटकती हैं। उन्होंने कहा कि सिटीजन चार्टर की बात तब की जानी चाहिए जबकि दफ्तर समुचित साधन संपन्न हों।
पिछले 20 वर्षों से नई भर्तियां बंद हैं। प्रतिमाह हजारों कर्मचारी सेवानिवृत हो रहे हैं। पर्याप्त स्टाफ व संसाधनों के अभाव में कैसे 58 विभागों के 108 काम समय पर होने की गारंटी अधिनियम लागू किया जा सकता है। सरकार ऐसा कर कर्मचारियों को बदनाम करना चाहती है और खुद वाहवाही लूटना।
कांगे्रस के चुनावी एजेंडे में जुड़ी एक भी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की शर्तें सरकार ने पूरी नहीं की। उन्होंने ऐसे सिटीजन चार्टर का प्रत्येक जिले में विरोध करने का निर्णय सुनाया और कहा कि कोटा में आयोजित किए जाने वाले हाड़ौती संभाग सम्मेलन में इसका सरकार को जवाब दिया जाएगा। प्रेस कान्फ्रेंस में बड़ी संख्या में कर्मचारी नेता मौजूद थे।
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