अहमदाबाद।भारत के इतिहास में 31 अक्टूबर का दिन इतिहास के पन्नों पर दो कारणों से अमर हुआ। पहला आज ही के दिन 1875 में सरदार वल्लभभाई पटेल का नाडियाद में जन्म हुआ। दूसरा, आज ही के दिन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षक द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मसलन आज ही के दिन भारत की एक सशक्त और भारतीयों के दिलों पर राज करने वाली महिला हमेशा के लिए हमसे विदा हो गई थीं।
आज जब इन दो विश्व विभूतियों - लौहपुरुष सरदार पटेल की जन्मजयंती और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है, तब शुकदेव भचेचे कंडारेली की ये विरल तस्वीरें देखकर आप इन दो महान शख्सियतों के व्यक्तित्व का अंदाजा बखूबी लगा सकते हैं।
पहली तस्वीर - आणंद में (सन् 1947) पुलिस सलामी ले रहे सरदार पटेल के सफल नेतृत्व और उनके व्यक्तित्व में अखंड भारत के शिल्पीकार के यथार्थ दर्शन हो रहे हैं। यह वह समय था जब स्वतंत्र भारत में अलग-अलग विचारधाराओं के राजा-रजवाड़ों को राष्ट्रीय विचारधारा से जोडऩे और अखंड भारत का निर्माण करने का काम सरदार पटेल ने बखूबी कर दिखाया था।
दूसरी तस्वीर में आप देख रहे हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अहमदाबाद के कांकरिया फुटबॉल ग्राउंड में सभा को संबोधित करने अपनी खुले वाहन से जा रही थीं। इसी समय पुलिस सुरक्षा भेदते हुई एक महिला इंदिरा गांधी के वाहन के सामने आकर लेट गई। यह महिला सरकारी तंत्र से त्रस्त थी और अपने हक की मांग कर रही थी। जैसे ही यह महिला इंदिरा गांधी के वाहन के आगे लेटी...यह विलक्षण तस्वीर कैमरे में कैद कर ली गई।
इसके बाद इंदिरा गांधी जब एयरपोर्ट पर पहुंची तो तत्कालीन कलेक्टर को उन्होंने पीडि़त महिला का पत्र थमाया और कहा 'मैं डेढ़ घंटे में दिल्ली पहुंचुगीं, तब तक इस महिला की यह छोटी सी समस्या सुलझ जाना चाहिए।' और इस तरह इंदिरा गांधी ने मात्र एक घंटे के अंदर पीडि़त महिला को न्याय दिला दिया था। इतनी महान थीं हमारी इंदिरा गांधी।
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