27 अक्टूबर, गुरुवार को गोवर्धन पूजा का पर्व है। इस दिन महिलाएं अपने घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसकी पूजा करती हैं। पूजन विधि इस प्रकार है-
पूजन विधि
यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस दिन प्रात:काल शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करना चाहिए। फिर घर के द्वार पर गोबर से गोवर्धन बनाएं। गोबर का अन्नकूट बनाकर उसके समीप विराजमान श्रीकृष्ण के सम्मुख गाय तथा ग्वाल-बालों, इंद्र, वरुण, अग्नि और बलि का पूजन षोडशोपचार द्वारा करें। विभिन्न प्रकार के पकवानों व मिष्ठानों का भोग लगाकर पहाड़ की आकृति तैयार करें और उनके मध्य श्रीकृष्ण की मूर्ति रख दें। पूजन के पश्चात कथा सुनें। प्रसाद रूप में दही व चीनी का मिश्रण सब में बांट दें। फिर पुरोहित को भोजन करवाकर उसे दान-दक्षिणा से प्रसन्न करें।
शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त गुरुवार सुबह 11: 36 से 12: 10 तक है। इसके अलावा चौघडिय़ा देखकर भी पूजन किया जा सकता है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 अक्तूबर 2011
पूजन विधि: इस शुभ मुहूर्त में करें गोवर्धन पूजा
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