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20 अक्तूबर 2011

...तो केजरीवाल पर चप्पल फेंकने वाले 'शख्स' की यह है असली कहानी!



लखनऊ। समाजसेवी अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल पर चप्पल फेंकने वाला जितेंद्र पाठक कभी भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे के मुहिम का समर्थक रहा है और कई बार उनके कार्यक्रमों में शामिल भी हुआ है। जितेंद्र पिछले 15 सालों से अपने घर नहीं गया हुआ है। उसके परिवारवालों को भी नहीं पता की वह कहां रहता है।

केजरीवाल ने चप्पल उछालकर उन पर हमले की कोशिश करने वाले जितेंद्र के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई जिसके बाद उसे लखनऊ पुलिस ने बुधवार को छोड़ दिया।

पुलिस हिरासत से बाहर आने के बाद जितेंद्र ने संवाददाताओं से कहा कि कहा कि, 'मैं अन्ना की भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई मुहिम से शुरू से प्रभावित था। मैंने दिल्ली के जंतर-मंतर और रामलीला मैदान में उनके कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर उन्हें अपना समर्थन देने गया था।'

जितेंद्र के मुताबिक हाल के दिनों में खासकर हिसार में अन्ना और उनकी टीम द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ शुरू किए गए अभियान और लोगों से वोट न देने की अपील से वह टीम अन्ना से नाराज था। जितेंद्र ने कहा, 'जो मैंने किया उसकी मुझे कोई शर्मिंदगी नहीं है। अन्ना हजारे के खिलाफ भी हम ऐसी हरकत कर सकते हैं। उसका भी मुझे कोई पछतावा नहीं होगा।'

जितेंद्र ने कहा, 'अन्ना हजारे शीतकालीन सत्र में जनलोकपाल विधेयक पारित न होने की दशा में उत्तर प्रदेश आकर कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने की बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में दाखिल होने से पहले अन्ना स्पष्ट करें कि वह कांग्रेस का विरोध क्यों कर रहे हैं..पिछले दिनों मुंबई में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के लोगों द्वारा उत्तर भारतीयों पर हुए हमले के विरोध में उन्होंने कुछ क्यों नहीं बोला और उत्तर भारतीय पर हमले करवाने वाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे को जेल में डालने की मांग को लेकर वह अनशन क्यों नहीं कर रहे हैं। अगर इन सवालों के जवाब दिए बिना अन्ना उत्तर प्रदेश में कदम रखेंगे तो हमारे जैसे नौजवान अन्ना पर हमले करते रहेंगे।'

15 साल पहले ही छोड़ चुका है घरबार

भले ही जितेंद्र जालौन के कुरकुरू गांव का रहने वाला हो लेकिन वह 15 साल पहले ही घर छोड़ चुका है। वह बीते कई सालों से लखनऊ में रहता है। उसके घरवालों का कहना है कि वह कहां रहता है और क्या करता है..उन्हें उसकी कोई खबर नहीं है।

जितेंद्र के चाचा कैलाश पाठक ने कहा, 'वह 15 सालों से वह घर परिवार से कोई मतलब नहीं रख रहा है। उसके पिता की तबियत खराब है, लेकिन वह हाल जानने तक नहीं आया।' जितेंद्र के इस कृत्य की निंदा करते हुए कैलाश ने कहा, 'उसने जो किया वह बहुत गलत है। टीम अन्ना जो भी कर रही है वह देशहित के लिए कर रही है।'

लखनऊ के झूलेलाल पार्क में जनसभा के पहले केजरीवाल पर हमला करने की कोशिश करने वाले जितेंद्र ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह फ्रंटल संगठन सेवा दल का सदस्य रह चुका है और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को अपना आदर्श मानता है।

केजरीवाल ने किया माफ

उधर अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैंने उस नवयुवक को माफ कर दिया है। मेरे मन में उसके लिए कोई दुर्भावना नहीं है। मुझे नहीं पता कि ऐसा कृत्य करते समय उसके मन में क्या था, लेकिन मेरा कहना है हिंसा से कोई फायदा नहीं है। अगर किसी बात को लेकर मन में सवाल हैं तो हमसे आकर बात करिए।'

धोना पड़ा नौकरी से हाथ जितेंद्र पाठक को नौकरी चली गई है। लखनऊ की जिस निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी में वह काम करता था उसने घटना का संज्ञान लेते हुए जितेंद्र को नौकरी से निकाल दिया। जितेंद्र यहां कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर काम करता था। उसके उग्र व्यवहार को देखते हुए उसे नौकरी से निकाल दिया गया है।

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