देश में फॉर्मूला वन कार रेसिंग का क्रेज इन दिनों देखते ही बन रहा है। दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में चल रहे फार्मूला वन रेसिंग चैंपियनशिप को देखने के लिए तमाम लोग महंगे से महंगा टिकट खरीद कर आ रहे हैं। और देश के दिग्गज बिजनेस चैंबर एसोचैम की मानें तो भारत में फार्मूला वन ग्रांप्री दौड़ से अगले 10 साल में 90,000 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया जा सकता है। इतना ही नहीं एसोचैम ने यह भी कहा है कि इस खेल की बदौलत तकनीकी कर्मियों के लिए रोजगार के 15 लाख अवसरों का सृजन भी किया जा सकता है।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत का कहना है कि फार्मूला वन के आयोजन से वित्तीय पक्ष के अलावा कई और लाभ भी होंगे। वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए बेकरार कंपनियों को फार्मूला वन में विज्ञापन के जरिए लाखों लोगों तक पहुंच बनाने का मौका मिलेगा। साथ ही भारतीय कंपनियों को रेस में शामिल होने वाली टीमों के विज्ञापन के साथ जुड़कर किफायती खर्च पर दुनिया भर के दर्शकों तक अपना संदेश भेजने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा इस आयोजन से होटल और पर्यटन के कारोबार भी बढ़ाव मिलेगा।
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