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05 अक्तूबर 2011

'25 साल से गहलोत ही हैं कांग्रेस का चेहरा, असर तो दिखेगा ही'

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जयपुर.प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चंद्रभान का मानना है कि पिछले 25 साल से किसी न किसी रूप में अशोक गहलोत ही राजस्थान कांग्रेस का चेहरा बने हुए हैं। वे तीन बार पीसीसी प्रेसिडेंट रहे। दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। जब वे सीएम नहीं रहे, तब वे एआईसीसी में जनरल सेक्रेटरी रहे। इतने साल तक संगठन में उनका वर्चस्व रहा। कार्यकर्ताओं से जुड़ाव भी सबसे ज्यादा उनका ही रहा।

पीसीसी की नई कार्यकारिणी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वर्चस्व के मुद्दे को लेकर जब भास्कर ने बुधवार को चंद्रभान से बातचीत की तो उन्होंने अपनी मान्यता काफी साफगोई से रखी और कहा कि उनका अपना कोई गुट या खेमा नहीं है।

उन्होंने सभी के लोगों को लेकर अपनी टीम बनाई है। उनका यह भी मानना है कि 25 साल से हाईकमान ने भी गहलोत को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। लिहाजा, उनका असर तो दिखेगा ही।

चंद्रभान ने कहा कि उन्होंने यह नहीं देखा कौन किसके नजदीक है, सिर्फ ऐसे लोगों को चुना है, जो पार्टी के लिए अच्छा कर सकते हैं और पिछले कई साल से सक्रिय हैं। संगठन के प्रति निष्ठावान को भी महत्व दिया गया है।

चंद्रभान ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी में युवाओं को पूरा मौका मिला है और सभी वर्गो का प्रतिनिधित्व है। नए पदाधिकारियों में अधिकतर युवा होने से कार्यकारिणी की औसत आयु 45 साल है।

मंत्रियों की लगेगी क्लास

पीसीसी ने अब मंत्रियों की क्लास लगाने की तैयारियां कर ली हैं। पिछले कई साल बाद पहली बार पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी। इसमें राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य भी शामिल होंगे।

जल्द ही संभावित यह बैठक सुबह से देर शाम तक होगी। इस आशय का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को पीसीसी अध्यक्ष की ओर से भेज दिया गया है। पिछली कार्यसमिति तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष बीड़ी कल्ला के समय हुई थी।

भागीदारी से बढ़ेगी कार्यकुशलता

डॉ. चंद्रभान ने कहा कि बोर्ड-निगम फिलहाल आईएएस अफसर चला रहे हैं, जो उचित नहीं है। अब हमारे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए। पहले ही काफी देर हो चुकी है।

अफसरों की जगह कार्यकर्ता और अनुभवी लोग आएंगे तो वे अच्छा काम करेंगे। इससे सरकार की कार्यकुशलता निश्चित रूप से बढ़ेगी। यह काम जितना जल्द हो, उतना ही अच्छा है।उन्होंने संकेत दिया कि कार्यकारिणी के गठन के बाद बोर्ड और निगमों में नियुक्तियों के काम को पूरा करना जरूरी है।

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