रालेगण सिद्धि. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के बीच शब्दों के वाण चलने फिर से शुरू हो गए हैं। अरविंद केजरीवाल पर की गई टिप्पणी को लेकर अन्ना हजारे ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया। अन्ना ने सोमवार को एक बार फिर दिग्विजय को उनके बयानों को लेकर ‘पागलखाने’ भेजे जाने की सलाह दी। अन्ना ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह का मनसिक स्तर बिगड़ चुका है। उन्हें इलाज के लिए पागलखाने भेज देना चाहिए क्योंकि उनकी फालतू की बयानबाजी यह साबित करने के लिए काफी है कि उनके सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो गई है।’ अन्ना ने केजरीवाल की तारीफ करते हुए उन्हें अच्छा इंसान करार दिया। अन्ना के बयान पर दिग्विजय ने निशाना साधते हुए कहा कि अन्ना को अपनी भाषा का ध्यान रखना चाहिए और नेताओं के साथ तमीज से पेश आना चाहिए।
अन्ना की यह टिप्पणी दिग्विजय के उस बयान पर प्रतिक्रिया के रूप में आई है कि अरविंद केजरीवाल ने एनजीओ चलाकर लाखों रुपये चंदे के तौर पर वसूल किए हैं। रविवार को आजमगढ़ में एक सम्मेलन के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकारी सेवा में रहते हुए केजरीवाल राजनीति करते रहे और एनजीओ के लिए पैसा बटोरते रहे। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया है तो सिर्फ इसलिए वह सरकारी नियमों से खिलवाड़ नहीं कर सकता है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आयकर विभाग की ओर से जारी वसूली नोटिस पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल को विभागीय कायदे-कानूनों के आधार पर बकाया जमा करना होगा।
कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी दिग्विजय ने आजमगढ़ में बाबा रामदेव पर भी निशाना साधा। उन्होंने अन्ना हजारे को सामाजिक कार्यकर्ता तो बाबा रामदेव को एक ठग करार दिया। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल के पीछे भाजपा और संघ है, जिसे केंद्र सरकार स्वीकार नहीं करेगा।
केजरीवाल ने दिग्विजय के आरोपों का जवाब यह कहते हुए दिया, 'अगर दिग्विजय सिंह को लगता है कि मैंने करोडो़ रुपये की हेराफेरी की है तो गैर जिम्मेदाराना बयान देने के बजाय उनकी पार्टी की सरकार मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।' हालांकि सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट से केजरीवाल की मुश्किल बढ़ सकती है। नई दिल्ली से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार ने 2007 में केजरीवाल की केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को लिखी चिट्ठी का हवाला देते हुए लिखा है कि अरविंद ने खुद माना था कि उन्होंने नौकरी के दौरान सेवा शर्तों का उल्लंघन किया था
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