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02 सितंबर 2011

केजरीवाल को नोटिस पर अन्‍ना ने चेताया- ऐसे करती रही सरकार, तो हमें भी कुछ सोचना पड़ेगा




नई दिल्‍ली. अरविंद केजरीवाल को आयकर विभाग की ओर से नोटिस जारी होने पर अन्‍ना हजारे ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने रालेगण सिद्धि में साफ तौर पर कहा कि अरविंद केजरीवाल से सरकार जिस तरह खिलवाड़ कर रही है, वह सही नहीं है। उन्‍होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर ऐसे ही चला तो हमें कुछ सोचना पड़ेगा।


अन्‍ना ने कहा कि आज चार साल बाद सरकार पूछताछ कर रही है। वह भी उस आदमी से जिसने अपनी सारी उम्र देश-समाज की सेवा में लगा दिया। ये नहीं होना चाहिए।


अन्‍ना ने कहा कि अरविंद जी के साथ 8-10 महीने के संपर्क के दौरान मैंने पाया है कि वह नि:स्‍वार्थ देश सेवा करने में यकीन रखते हैं। मेरी ही तरह उन्‍होंने भी कोई बैंक बैलेंस नहीं रखा है। ऐसे आदमी के साथ सरकार को खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।



इससे पहले टीम अन्‍ना के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग की ओर से बकाया भुगतान के लिए जारी नोटिस पर यहां मीडिया के सामने सफाई दी। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार के दबाव में आयकर का नोटिस दिया गया है। स्‍टडी लीव के बाद एक नवंबर 2002 को मैंने नौकरी ज्‍वाइन की थी इसके बाद फरवरी 2006 को रिजाइन किया।’ उन्‍होंने बताया कि उनकी छुट्टी विभाग की ओर से बाकायदा मंजूर हुई थी।


सरकार पर बॉन्‍ड को गलत तरीके से इस्‍तेमाल करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि स्‍टडी लीव लेकर कोई गलती नहीं की थी। इस नोटिस के पीछे राजनीतिक दबाव है।’ केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके परिवार और रिश्‍तेदारों को भी परेशान किया जा रहा है।

केजरीवाल को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है समें नौ लाख रुपये बकाया चुकाने के लिए कहा गया है। बकाया चुकाए बिना उनका इस्‍तीफा मंजूर नहीं किए जाने की बात भी कही गई है। केजरीवाल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मेरा मानना है कि इसमें आयकर विभाग की कोई गलती है। इसमें सीधे-सीधे उनके राजनीतिक आकाओं का हाथ लगता है।’ केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘अगले साल तक मेरा इस्‍तीफा स्‍वीकार नहीं किया जाता तो सरकार को पूरी उम्र मुझे पेंशन देनी पड़ जाएगी।’

उन्‍होंने कहा कि 2006 मे उन्‍होंने नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया था लेकिन 2007 के बाद से कोई पत्र नहीं आया। उन्‍होंने कहा, ‘मेरे मामा के यहां कुछ दिन पहले कुछ लोग पूछताछ करने गए थे। मेरे करीबियों को परेशान किया जा रहा है। हाल में एक अखबार में खबर छपी कि मेरे चाचा बचपन में आरएसएस में जाना चाहते थे। मुझे समझ नहीं आता कि इससे मेरा-क्‍या लेना देना। जबकि मेरे चाचा की ट्रक दुर्घटना में पांच साल पहले मौत हो गई थी।’

केजरीवाल ने कहा, 'मैंने तीन साल के बॉन्‍ड की शर्तों का पालन भी किया। नियम यह है कि स्‍टडी लीव के बाद कोई कर्मचारी अगले तीन साल में रिटायर हो जाता है, नौकरी छोड़ देता है या नौकरी ज्‍वाइन नहीं करता है तो उसे किसी तरह का बकाया नहीं देना होता है। यदि उन्‍हें लगता है कि मैंने बॉन्‍ड की शर्तों का उल्‍लंघन किया है तो उन्‍हें मेरा बकाया माफ करने का अधिकार किया है क्‍योंकि मैंने जनहित में कार्य किया है। मैंने विभाग को बता दिया था कि पुरस्‍कारों में मिली राशि मैंने दान कर दी है।'

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम के लिए जुटने वाली रकम को लेकर उठ रहे सवालों के भी जवाब टीम अन्‍ना ने दिए। केजरीवाल ने कहा कि अन्‍ना जी के निर्देशों पर हम एक अप्रैल से 31 अगस्‍त के बीच हुए खर्जों का लेखाजोखा प्रकाशित करेंगे। हमारी मांग है कि कांग्रेस भी अपना लेखा-जोखा जगजाहिर करे। उन्‍होंने कहा, ‘यदि हम पार‍दर्शिता की मांग करते हैं तो हमें भी पारदर्शी होना चाहिए। हमें अपने बारे में किसी तरह की जांच को लेकर कोई आपत्ति नहीं है चाहे आप मेरे सात जन्‍मों तक मेरे रिकार्ड की जांच कर लें।’
टीम अन्‍ना की एक और अहम सदस्‍य किरण बेदी ने कहा कि उन्‍हें नोटिस की परवाह नहीं है। उन्‍होंने कुछ गलत नहीं किया है। बेदी ने रामलीला मैदान के मंच से अभिनय कर बताया था कि नेता मुखौटा ओढ़े रहते हैं और कभी इस तरफ तो कभी उस तरफ की बातें करते रहते हैं। उनके इस 'अभिनय' और बयान के लिए कई सांसदों ने सदन में विशेषाधिकार हनन का नोटिस पेश किया है। किरण बेदी ने अपनी बेटियों को गलत तरीके से एडमिशन दिलाए जाने के आरोपों का भी जवाब दिया।

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