यह विचार रविवार को गृहमंत्री शांति धारीवाल ने सकल दिगंबर जैन समाज समिति की ओर से छावनी के विवेकानंद स्कूल प्रांगण में आयोजित सामूहिक क्षमावणी समारोह में समाजबंधुओं से हाथ जोड़ उत्तम क्षमा मांगते हुए कही। उन्होंने कहा कि क्षमा दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें मां का बड़ा महत्व निहित है।
मां त्यागी, गंभीर, सहिष्णु भी है।अध्यक्षता करते हुए विधायक ओम बिरला ने कहा कि क्षमा सबसे बड़ा धर्म है। यह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा एवं क्षमा सिद्धांतों को वर्तमान समय में अपनाने की प्रबल आवश्यकता है।
सकल दिगंबर जैन समाज समिति अध्यक्ष राजमल पाटोदी, ताराचंद बड़ला, पार्षद शरणजीत कौर सहित कोटा जैन समाज की सभी संस्थाओं के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व समाजबंधु मौजूद रहे। समारोह क्षुल्लक नयसागरजी महाराज के सानिध्य में आयोजित किया गया।
बिरला को पहनाया साफा
समारोह में गृहमंत्री धारीवाल को किसी कार्यक्रम में जाने की जल्दी थी तो उन्होंने कहा कि वो इस समाज में पैदा हुए, पले एवं बड़े हुए हैं। अब ओमजी से कहो कि वो इस समाज को ज्यादा टाइम दें। समारोह में जब गृहमंत्री का सम्मान किया जा रहा था तो धारीवाल ने विधायक बिरला को स्वयं का साफा एवं माला पहनाकर स्वागत किया।
16 दिन निराहार उपवास
दशलक्षण पर्व की श्रंखला में विज्ञान नगर क्षेत्र निवासी अमित जैन ने 16 दिन तक निराहार रहकर उपवास किए। गृहमंत्री ने स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया गया। इसके अलावा 10 व पांच दिन तक उपवास करने वालों का सम्मान किया गया।
प्रतिभाओं का किया सम्मान
समाज की विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल करने पर 45 से अधिक प्रतिभाओं को गृहमंत्री धारीवाल, विधायक ओम बिरला सहित सकल दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारियों ने सम्मानित किया।
81 यूनिट रक्तदान
दिगंबर जैन खंडेलवाल सरावगी समाज समिति ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं व युवतियों ने उत्साह से रक्तदान किया। शिविर में करीब 81 यूनिट रक्तदान हुआ।
सुनीता बनी येलो क्वीन
दिगंबर जैन सोशल ग्रुप मैन की ओर से आयोजित क्षमा कार्यक्रम पर येलो क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन ने बताया कि प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल ने सुनीता हरसोरा का यैलो क्वीन घोषित किया गया। ग्रुप की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया।
क्रोध को क्षमा से जीतो
क्षुल्लक नयसागर ने कहा कि क्रोध को क्षमा से जीता जाता है। जीवन में गलतियां होना स्वाभाविक है। उन्होंने क्षमा का आकलन का तरीका बताते हुए कहा कि मित्रता को जोड़ें, शत्रुता को घटाएं, अच्छाइयों को गुणा कर दो व बुराइयों को भाग दे दो।
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