मुंबई. अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को चिट्ठी लिख कर कहा है कि अगर अगले विधानसभा सत्र में राज्य में लोकायुक्त नियुक्त करने का कानून पास नहीं कराया गया तो वह अनशन करेंगे। अन्ना ने चिट्ठी में चेतावनी दी है कि वह विधानसभा सत्र के अगले सत्र के आखिरी दिन तक इंतजार करेंगे।
सरकार राज्य के लोकायुक्त को अधिक सक्षम बनाने के लिए राजी हो गई है। सरकार ने लोकायुक्त और उप लोकायुक्त को ज्यादा अधिकार देने का मन बनाया है। वह मुख्यमंत्री और विधायकों को भी लोकायुक्त के दायरे में लाने के लिए तैयार है। लेकिन सरकार अभी यह सब सैद्धांतिक रूप से कह रही है। इस पर अमल की दिशा में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसे देखते हुए ही अन्ना हजारे ने अल्टीमेटम दिया है। वह भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में कार्रवाई करने के लिए राज्य सतर्कता आयोग बनाने की मांग भी कर रहे हैं। साथ ही, वह मुख्यमंत्री को भी लोकायुक्त के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं
मुख्यमंत्री चव्हाण ने लोकायुक्त के अधिकार बढ़ाने के संकेत तो दिए हैं। पर सतर्कता आयोग बनाने की अन्ना की मांग पूरी नहीं हो सकेगी। सरकार का मानना है कि भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो होते हुए राज्य में सतर्कता आयोग के नाम से सामानंतर विभाग बनाने की आवश्यकता नहीं है।
सरकार की तरफ से राज्य में लोकायुक्त व उप-लोकायुक्त की नियुक्ति की जाती है। पर उनके पास फैसले लेने के अधिकार नहीं हैं। लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त के दायरे में मंत्रियों का समावेश है, मगर मुख्यमंत्री और विधायक उससे बाहर हैं।
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