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16 सितंबर 2011

न निजी पीए है न पीएस, खुद का काम खुद संभालता हूं,

जयपुर.गोवा के मुख्यमंत्री दिगंबर कामत का कहना है कि मोटे रूप में सैद्धांतिक तौर पर सभी पार्टियां एक जैसी हैं। लोग उनमें ज्यादा फर्क नहीं करते।

लोग सिर्फ इन पार्टियों में नेता की काबिलियत को देखते हैं, जो उनकी उम्मीदों को पूरा कर सके और हालात में बदलाव ला सके। भाजपा में 10 साल रह चुके कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि आखिर दोनों दलों में आपको क्या मूलभूत अंतर दिखाई दिया।

कामत ने कहा कि उनका फोन हर समय खुला रहता है। वे हर नागरिक की बात सुनते हैं और समस्या का समाधान करते हैं। यह अलग बात है कि वे जब किसी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं तो मुख्यमंत्री होने के बावजूद उन्हें दिक्कत आती है। उन्होंने अन्ना हजारे को अच्छा और बेदाग इंसान बताया।

कामत ने शुक्रवार शाम भास्कर कार्यालय में गोवा की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों पर विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि सबसे छोटे राज्य गोवा में सरकार चलाना टेढ़ी खीर है। हर नागरिक सीधे संपर्क में रहता है और बड़े राज्य के नागरिक की तुलना में कहीं ज्यादा अपेक्षाएं रखता है।

गोवा में उनकी सरकार इसलिए स्थिर रही है कि वे हर आदमी का फोन आधी रात को भी सुनते हैं। किसी के घर बिजली चली जाए तो भी वह फोन करता है और किसी की बस रास्ते में अटक जाए तो वह भी।

वे खुद इन समस्याओं को तत्काल हल करते हैं। गोवा में ई-गवर्नेंस को लेकर उन्होंने बताया कि किसी भी नगर पालिका से लोग बर्थ या डेथ सर्टिफिकेट ले सकते हैं। ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया 5 मिनट में पूरी हो जाती है। गोवा जल्द ही लोकायुक्त कानून भी बनाने जा रहा है। दैनिक भास्कर के संपादकीय सलाहकार महेंद्र सुराणा ने कामत का स्वागत किया।

कॉमन सिविल कोड है इस राज्य में

उन्होंने बताया कि गोवा देश में अकेला ऐसा राज्य है, जहां कॉमन सिविल कोड लागू है। राज्य में कोई विवाहित व्यक्ति तभी अपनी संपत्ति बेच सकता है, जब उसकी पत्नी साथ में हस्ताक्षर करने को राजी होती है। गोवा में लड़कियां काफी शिक्षित हैं। हाल ही 18 इंजीनियरों की भर्ती हुई तो उसमें 13 लड़कियां थीं।

आधी रात को आया एक यात्री का फोन

कामत ने कहा :

वे न तो निजी पीए रखते हैं और पीएस। वे अपने अपॉइंटमेंट खुद ही देखते हैं। फोन भी ज्यादातर खुद ही रिसीव करते हैं। हाल ही कामत को आधी रात में एक यात्री ने फोन करके कहा कि महाराष्ट्र से आ रही उनकी बस रास्ते में खराब हो गई है।

बस में ज्यादातर महिलाएं हैं और रास्ते में बहुत अंधेरा है। न पुलिस अफसर फोन उठा रहे हैं और न कोई प्रशासनिक अधिकारी। अन्य किसी से भी संपर्क नहीं हो रहा। आपका फोन नंबर था तो आपसे उम्मीद है समस्या हल हो जाएगी।

कामत ने तत्काल सीएस और कलेक्टर को फोन पर निर्देश दिए और समस्या हल हो गई। अगले दिन इन यात्रियों ने पत्र लिखकर धन्यवाद किया।

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