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01 सितंबर 2011

बाबा रामदेव पर ईडी ने दर्ज किया हेराफेरी का केस, दिल्‍ली पुलिस भी भेजगी समन



नई दिल्‍ली. योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने योग गुरु और उनके ट्रस्‍ट के खिलाफ फेमा के उल्‍लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया है। बाबा रामदेव के सहयोगी और वरिष्‍ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने सरकार पर योग गुरु से बदला लेने का आरोप लगाया है। एक चैनल से बातचीत में उन्‍होंने कहा, ‘आखिर अब ये मामले क्‍यों दर्ज किए जा रहे हैं।’
बाबा रामदेव के प्रवक्‍ता एस के तिजरावाला ने कहा, ‘अभी तक हमें इसकी जानकारी नहीं है।’

दूसरी ओर रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्‍ण को दिल्‍ली पुलिस समन भेजने की तैयारी कर रही है। दोनों को रामलीला मैदान में उनके समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प से संबंधित केस के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। यह केस जून में दर्ज हुआ है। इसमें रामदेव पर रामलीला मैदान में अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप है। इस मामले में अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

आरोप है कि 5 जून को रामदेव के समर्थकों ने पुलिस पर गमलों और बैट से हमले किए थे। दिल्‍ली पुलिस के संयुक्‍त आयुक्‍त (उत्‍तरी क्षेत्र) सुधीर यादव के मुताबिक, 'हमने उन लोगों से पूछताछ की है जिन्‍हें रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के मंच से भाषण देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन खुद रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्‍ण से अभी पूछताछ होनी है। हमें इस केस को अंजाम तक पहुंचाना है। इसलिए हम जल्‍दी ही उन दोनों को बुलाएंगे।'

मारपीट की घटना में पुलिसवालों समेत 65 से अधिक लोग घायल हुए थे। इनमें से एक की हालत अब भी गंभीर है। एफआईआर में पुलिस ने कहा है कि आयोजकों ने सिर्फ 4 से 5 हजार लोगों की इजाजत मांगी थी और वह भी योग शिविर के लिए। लेकिन जल्‍द ही उन्‍होंने दिल्‍ली से सटे राज्‍यों से लोगों को रामलीला मैदान में जुटने का अनुरोध करने लगे और इसने राजनीतिक रैली का रूप ले लिया।

कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने अनुमति रद्द कर दी और रामदेव को गिरफ्तार करने गई। हालांकि योग गुरु ने अपने समर्थकों से कहा कि वो उन्‍हें पूरी तरह घेर लें जिसके बाद वहां के हालात उग्र हो गए। पुलिस का कहना है कि जब योग शिविर रैली में तब्‍दील होने लगा तो उन्‍होंने रामदेव को दी गई इजाजत को रद्द करने का फैसला किया।

एफआईआर के मुताबिक, ‘साध्‍वी रितंभरा, मौलाना कल्‍बे जब्‍बार और अकाली दल के ओंकार सिंह रंधावा के भड़काऊ भाषणों के बाद पुलिस ने रामदेव के आयोजन की अनुमति रद्द करने का फैसला किया। आयोजक अधिक से अधिक लोगों से इस रैली में हिस्‍सा लेने की अपील कर रहे थे और किसी भी कीमत पर रामलीला मैदान नहीं छोड़ने के लिए कह रहे थे।’ प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि योग शिविर की अनुमति रद्द करने का नोटिस रामदेव को दिए जाने के बाद भी उनका भड़काऊ भाषण जारी था। पुलिसवालों पर हमला करने और दंगा भड़काने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जो अब जमानत पर बाहर हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है।

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