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21 सितंबर 2011

गोपालगढ़ फायरिंग: सोनिया नाखुश, गहलोत, धारीवाल को दिया सख्त संदेश!


जयपुर/नई दिल्ली.राजस्थान के भरतपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के मारे जाने के बाद इसके सियासी असर को लेकर कांग्रेस आलाकमान काफी गंभीर है। घटना में राज्य सरकार के ढीले रवैए पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की नाखुशी मुख्यमंत्री अशोक गहलौत तक पहुंचा दी गई है।
वहीं गृह विभाग की लापरवाही पर भरतपुर गए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने खुद ही सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और समय पर प्रशासन चेत जाता तो इसे रोका जा सकता था। आला सूत्रों ने कहा कि महकमे का नेतृत्व करने की वजह से गृह मंत्री पर सवाल उठना लाजिमी है।
आला नेतृत्व से जुड़े नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री तक आलाकमान का सख्त संदेश पहुंचा दिया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पूरे मामले पर निगाह बनाए हुए हैं। रिपोर्ट उन तक पहुंच गई है। राज्य सरकार को साफ कहा गया है कि दंगों में जो लोग मारे गए हैं उनको मुआवजा व पुनर्वास के जरिए जो भी मरहम लगाया जा सकता है उसमें कोई भी कोताही नहीं हो।
क्या गृह मंत्री को पद से हटने को कहा जा सकता है या फिर मुख्यमंत्री पर जिम्मेदारी थोपी जा सकती है? इस सवाल के जवाब में आला सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री को सीधे दोषी नहीं ठहराया जा सकता है,लेकिन गृह मंत्री को क्लीन चिट देना मुश्किल है।
उधर भरतपुर गए टीम के सदस्य राशिद अल्वी ने कहा कि ‘‘हमने अपनी रिपोर्ट में सभी पक्षों की कही हुई बात को हू ब हू लिखा है। दोनों पक्षों से हुई मुलाकात के दौरान सामने आए तथ्य रिपोर्ट में दर्ज किए हैं।प्रशासन द्वारा 8 लोगों के मारे जाने की पुष्टि का उल्लेख भी रिपोर्ट में किया गया है। विवाद काफी समय से चला आ रहा था। हमने जमीन के विवाद के निपटारे की कोशिश भी की है। हमने मांग की है कि न्यायिक जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हो और जो भी दोषी हों उन्हें दंडित किया जाए।’
हालांकि अल्वी ने मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। गौरतलब है कि भंवरी देवी प्रकरण के चलते हो रही फजीहत से पहले ही कांग्रेस आलाकमान खुश नहीं है।
तीन माह में आएगी जांच रिपोर्ट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में गोपालगढ़ फायरिंग और भंवरी देवी का मामला छाया रहा।
बैठक के बाद गृह मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि घटना की जांच के लिए बनने वाले न्यायिक जांच आयोग को तीन माह की तय अवधि में रिपोर्ट देनी होगी। आयोग का कार्यकाल नहीं बढ़ेगा।
जांच आयोग का कार्यकाल संभवत: तीन माह तय किया जाएगा, इसी अवधि में जांच पूरी करनी होगी। घटना के लिए मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के जिम्मेदार होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी तो बनती ही है। भंवरी देवी प्रकरण पर उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
प्रभारी मंत्री करेंगे जिलों में मुफ्त दवा वितरण योजना की शुरूआत :
राज्य में 2 अक्टूबर से सरकारी अस्पतालों में शुरू हो रही मुफ्त दवा वितरण योजना की लांचिंग प्रभारी मंत्री करेंगे। बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि केबिनेट में योजना पर विस्तार से चर्चा हुई है।
जिलों में जननी शिशु सुरक्षा योजना की तर्ज पर ही इसे लॉन्च किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को योजना की सफलता के लिए काम में लग जाने के निर्देश दिए।
पोस्टमार्टम कराया
गोपालगढ़ कांड के मृतकों के सभी छह शवों का बुधवार को जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम जयपुर से आई डॉक्टरों की टीम से करा दिया। पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शवों को उनके परिजनों के आने तक जिला अस्पताल में रखा जाएगा।

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