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16 सितंबर 2011

2 सेकेंड में आ गई मौत, हुआ एक दर्दनाक हादसा

शिमला. रायपुररानी, पंचकूला/पंचकूला से करीब 50 किलोमीटर दूर चंडीगढ़-देहरादून हाईवे से सटी भूड-मंडलाए गांव की फायरिंग रेंज में शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया।

एक हैंड ग्रेनेड समय से पहले ही फट गया और उससे सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई, जबकि तीन जवान घायल हो गए, जिन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया है। हादसा ट्रेनिंग के दौरान हुआ, जिसके बाद कुछ समय के लिए ट्रेनिंग रोक दी गई है।

इसके अलावा मौके पर दो ग्रेनेड ऐसे पड़े थे, जो अभी फटे नहीं थे। सूचना पाकर पंचकूला प्रशासन से एसडीएम शरणजीत कौर बराड़ व तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया। गत वर्ष भी ट्रेनिंग के दौरान आईटीबीपी के 8 जवान हादसे का शिकार हो गए थे, जिसमें से दो की मौत हो गई थी।

जानकारी के मुताबिक धर्मपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप से 9 अगस्त को 269 नए रंग रूट भूड-मंडलाए की फायरिंग रेंज में आए थे। इन जवानों के अलावा इंस्ट्रक्टर टीम भी इनके साथ है। जवानों को जंगल वार की ट्रेनिंग दिए जाने का काम चल रहा था। ट्रेनिंग के दौरान सब ठीक चल रहा था और अभी तक करीब 185 हैंड ग्रेनेड फोड़े जा चुके थे।

सुबह करीब 12 बजे इंस्ट्रक्टर हेड कांस्टेबल सीता राम, ट्रेनर रवि कुमार, मदन लाल व रंग रूट महिपाल के साथ पहाड़ी पर हैंड ग्रेनेड फेंकने की प्रैक्टिस कर रहे थे। सीता राम गौतम ने महिपाल को एक ग्रेनेड फेंकने के लिए दिया और महिपाल ने पिन निकालकर उसे फेंका, लेकिन समय से पहले ही ग्रेनेड फट गया और उसके छर्रे इन चारों जवानों पर आकर गिरे।

छरे के एकदम नीचे सीता राम गौतम खड़े थे और अन्य उनके आस-पास थे। कैंप में मौजूद अन्य जवानों ने जब पहाड़ी से चीख सुनी तो वे तुरंत पहाड़ी की तरफ भागे और अपने अधिकारियों को सूचित किया। सभी चार घायलों को मुश्किलों से गाड़ी में डालकर चंडीगढ़ की तरफ निकले, लेकिन सीता राम ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। कैंप में मौजूद अधिकारियों बीएम मीना, जसविंद्र व बलदेव ने बताया कि हेंड ग्रेनेड की पिन निकलने के बाद 4 सेकेंड का समय होता है।

उस चार सेकेंड में ही ग्रेनेड को हवा में उछालना होता है और इसी बीच वह फटता है। लेकिन जिस ग्रेनेड की वजह से यह हादसा हुआ वह 2 सेकेंड में ही फट गया। अभी वह ग्रेनेड जमीन पर गिरा भी नहीं था। जानकारों के मुताबिक हेंड ग्रेनेड फेंकने के बाद नीचे की तरफ झुक कर वापस बंकर में लौटना पड़ता है, लेकिन इन जवानों को इतना मौका ही नहीं मिला। हो सकता है मैन्यूफेकचरिंग डिफेक्ट की वजह से ग्रेनेड समय से पहले फट गया।

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