संसद को इसका मसौदा जल्द ही सौंपा जाएगा।’ श्रीलंका में लागू इस कानून के तहत शक के घेरे में आए किसी भी व्यक्ति को अनिश्चितकाल के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है।
लिट्टे के खिलाफ इस कानून का इस्तेमाल किया जाता रहा है। दो वर्ष पहले सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के अंतर्गत आने वाली कई धाराओं को हटा दिया गया था। लेकिन विदेश में काम कर रहे लिट्टे समर्थकों के खिलाफ कुछ धाराएं अभी भी जारी हैं। बकौल जयरत्ने, ‘लिट्टे का खात्मा तो हो चुका है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ संगठन हैं जो श्रीलंका में इसे फिर से शुरू करने की फिराक में हैं।’
chaliye lankaa ke barey me kuchh jaankari hashil hui dhanywaad!!
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