भ्रष्टाचार के खिलाफ
यह संघर्ष
यह संकल्प
यह अनशन
यह सत्याग्रह
यह अहिंसा
नहीं हैं आसाँ ...
बस यूँ समझिये
अली बाबा
चालीस चोर का है
कत्ल खाना
और कातिलों के इसी कत्ल खाने से
खुद को बचा के
भ्रष्टाचार के खिलाफ
अपनी मांगों को मनवाना है .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 अगस्त 2011
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आप अकेले नहीं खान साहब.
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