अन्ना के आन्दोलन को हिन्दू मुस्लिम साप्रदायिकता में बांटने की सरकारी साज़िश नाकाम हो गयी है .सरकार ने मुसलमानों को भडकाने के लियें अन्ना के आन्दोलन को आर एस एस का समर्थन बताया कई मुस्लिम भाइयों ने जब कोंग्रेस के इस विचार को प्रचारित करने वालों से कहा के आर एस एस अगर कोई अच्छा काम करे तो क्या राष्ट्र हित में उसे समर्थन नहीं देना चाहिए .मुसलमान और देश अन्ना के इस आन्दोलन से जुड़ता गया और सरकार की सारी कोशिशें नाकाम होती गयी ..सरकार ने जब देखा के अन्ना समर्थक जो लोग अन्ना के आन्दोलन के खिलाफ बयान दे रहे हैं उनका घेराव करने लगे है तो फिर सरकार ने एक और शेतानी साज़िश रची .सरकार और सरकार की समर्थित पार्टी की गुलामी करने वाले कथित इमाम बुखारी से एक विवादास्पद बयान अन्ना के आन्दोलन के खिलाफ दिलवा दिया खुद देश का मुसलमान इस मोके पर इस बेतुके बयान से चकित है और इस बयान के पीछे की सियासत को भी समझता है .सरकार की स्टेजिदी थी के अन्ना के आन्दोलन के खिलाफ इस बयान से अन्ना समर्थक भड़केंगे और फिर वोह इमाम बुखारी का अभी घेराव करेंगे हो सकता है अन्ना समर्थकों के भेस में सरकार खुद अपने चमचों को भेज दे और फिर हिन्दुवाद और मुस्लिम वाद का ज़हर इस आन्दोलन में घुल जाये जिससे अन्ना का मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार गोण हो जाए और साम्प्रदायिकता के मुद्दा प्रमुख हो जाए .सरकार ने हिंदूवादी सरकारी चमचों को भी इस मामले में भड़काकर बयानबाज़ी और इमाम की आलोचना के लियें उकसाया है लेकिन अभी तक शुक्र है खुदा का के सरकार की चाल अन्ना समर्थकों की समझदारी के आगे असफल हो रही है .......सारा देश जनता है के सरकार ने बाबा रामदेव के आन्दोलनकारियों पर आधी रात को लाठियां यह कहकर बरसायीं थी की इस आन्दोलन से देश में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क सकती थी अन्ना के आन्दोलन के मामले में भी सरकार यही कहती रही है लेकिन भारी उमड़े जन सेलाब के मामले में सरकार की बोलती बंद हैं और सारी चालें मीडिया मेनेजमेंट असफल हो रहा है लेकिन सरकार तो सरकार है अपने मिशन को प्राप्त करने और अन्ना के आन्दोलन को फेल करने के लियें किसी भी हद तक नीचे गिर सकती है इसलियें अन्ना समर्थक चाहे वोह हिन्दू हो चाहे वोह मुसलमान हो उसे फूंक फूंक कर कदम रखना होगा .देखते है आगे क्या होता है अन्ना से बार बार मिलकर अन्ना को परेशान करने वाले सरकारी दलाल क्या गुल खिलाते है ..सच तो यह है के सरकार ने अन्ना के आन्दोलन को असफल करने के लियें जितनी ताकत झोंक रखी है अगर सरकार उससे एक चोथाई भी भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल पारित करने के मामले में अपनी ताकत लगाती तो अब तक मामला ही सुलझ गया होता लेकिन सरकार तो सरकार है वोह तो भ्रष्टाचारियों को केसे बचाएं इस पर काम करना चाहती है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 अगस्त 2011
अन्ना के आन्दोलन को हिन्दू मुस्लिम साप्रदायिकता में बांटने की सरकारी साज़िश नाकाम
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एक ही परिवार (गांधी ब्रांडेड नेहरु परिवार) के लोग साठ सालों से केंद्र में कब्ज़ा जमाये हुए है. फिर भी कांग्रेसी नेता और उसके समर्थक कहते हैं कि हम लोकतंत्र में हैं.
जवाब देंहटाएंवाकई कांग्रेसी षड्यंत्र (फूट डालो राज करो) का कोई तोड़ नहीं :(
बहुत अच्छी विचारणीय पोस्ट.
जवाब देंहटाएंहिंदू मुसलमानों को लड़ाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना कांग्रेस का पुराना दांव है| अच्छा हुआ आज का मुस्लिम समाज कांग्रेस की यह चाल समझ रहा है|
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