विभाग की प्रमुख शासन सचिव अदिति मेहता के मुताबिक मुस्लिम परित्यक्ताएं अधिकृत काजी व उसके नहीं होने पर उसके स्थान पर निकाह में शामिल हुए दो योग्य व्यक्तियों का प्रमाण-पत्र तलाक के दो गवाहों की पुष्टि के साथ पेश कर सकेंगी।
पूर्व में तलाकशुदा मुस्लिम महिला को प्रवेश के लिए कोर्ट की डिक्री का इंतजार करना पड़ता था। इसमें काफी समय लग जाता था। यूथ कांग्रेस, उत्तर विधानसभा अध्यक्ष सैयाद अहसान यासिर चिश्ती ने बताया कि बेरोजगार मुस्लिम विधवा महिलाओं को काफी परेशानी होती थी।
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