आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 अगस्त 2011

बैठक से पहले उखड़े कांग्रेसी पार्षद

 
 
कोटा नगर निगम बोर्ड की शनिवार को होने वाली बैठक से पहले ही कांग्रेस पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा, उन्होंने निगम में उनके काम नहीं होने, लेटर को रद्दी की टोकरी में डाल देने सहित कई आरोप लगाए।  बैठक में महापौर डॉ. रत्ना जैन के अलावा कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद शर्मा, प्रदेश सचिव रवीन्द्र त्यागी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।


बोर्ड से पहले कांग्रेस पार्षदों को एकजुट करने व बैठक में एक स्वर में बोलने के लिए पाबंद करने करने के लिए शुक्रवार की शाम को एक सहवरित पार्षद के रावतभाटा रोड स्थित कटले पर बैठक बुलाई गई थी। बैठक में चर्चा के दौरान शहर की बिगड़ी बिजली व्यवस्था पर पार्षद खुलकर बोले। पार्षदों ने कहा कि वार्डो में रोड लाइटें नहीं जल रही, महापौर व सीईओ इस ओर ध्यान नहीं देते, इस बारे में लिखकर देते हैं तो लेटर को कचरे के ढेर में डाल दिया जाता है। सबसे अधिक गुस्सा पार्षद गायत्री सिसोदिया को अपने वार्ड में लंबे समय से अंधेरे में डूबे होने को लेकर था, उन्होंने कहा कि कई बार लिखकर दिया, महापौर सहित सभी को सूचित कर दिया, किसी ने सुनवाई नहीं की। जब पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित अन्य ने उन्हें शांत रहने व बैठने के लिए कहा तो वे और फट पड़ी, कहने लगी यदि उनकी बात सुन नहीं सकते तो बैठक में बुलाते क्यों हो। इसी प्रकार पार्षद नरेन्द्र खींची, राममूर्ति, टिन्नू चतुर्वेदी, शीलू विजयवर्गीय, रेहाना खान सहित अन्य पार्षदों ने भी शहर में रोड लाइट की स्थिति खराब होने की बात कही। जब प्रदेश सचिव रवीन्द्र त्यागी ने महापौर व उपमहापौर से मिलकर इस समस्या को हल करने की बात कही तो पार्षद भड़क उठे, वे कहने लगे कि इन्हें तो कई बार लिखकर दे दिया, इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। इस पर जिलाध्यक्ष गोविंद शर्मा ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं पार्षदों के साथ मिलकर सोमवार को सीईओ के पास जाएंगे। इस समस्या का समाधान कराएंगे। पार्षदों में इस बात को लेकर भी रोष था कि जब रोड लाइटों के संधारण का ठेका दिया हुआ है तो फिर सामान क्यों खरीदा गया, इसका भुगतान क्यों किया जा रहा है। महापौर ने इस पर अनभिज्ञता जताते हुए समिति अध्यक्ष को इसके लिए जिम्मेदार बता दिया। पार्षदों का आरोप था कि निगम से ट्यूबलाइटें जाती है लेकिन, वे कहां लग रही है, किसी को पता नहीं है। इस दौरान त्यागी और गोविंद शर्मा ने पार्षदों को अनुशासन में रहने की सीख दी।
१क् रुपए के ठेके को टेंडर बगैर 70  लाख तक बढ़ा दिए
बैठक में शनिवार को निगम बोर्ड की बैठक में ट्रैक्टर-ट्रॉली के भुगतान के रखे जाने वाले मुद्दे पर भी असंतोष जताया गया। पार्षदों का कहना था कि बिना जांच किए ही भुगतान कैसे, जब कार्य ही नहीं हुआ तो कैसे बिल बन गए। पार्षद नरेन्द्र खींची ने कहा कि 10 रुपए के ठेके को बिना कोई निविदा जारी किए 70 लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया। इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए। इस पर निर्णय लिया गया कि पहले इसकी जांच कराई जाएगी, इसके बाद ही भुगतान का निर्णय होगा। इसके अलावा बैठक में बाकी एजेंडे पर भी चर्चा हुई। बैठक में लगभग 22 पार्षदों ने भाग लिया।

| Email  
 
 
कोटा नगर निगम बोर्ड की शनिवार को होने वाली बैठक से पहले ही कांग्रेस पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा, उन्होंने निगम में उनके काम नहीं होने, लेटर को रद्दी की टोकरी में डाल देने सहित कई आरोप लगाए।  बैठक में महापौर डॉ. रत्ना जैन के अलावा कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद शर्मा, प्रदेश सचिव रवीन्द्र त्यागी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।


बोर्ड से पहले कांग्रेस पार्षदों को एकजुट करने व बैठक में एक स्वर में बोलने के लिए पाबंद करने करने के लिए शुक्रवार की शाम को एक सहवरित पार्षद के रावतभाटा रोड स्थित कटले पर बैठक बुलाई गई थी। बैठक में चर्चा के दौरान शहर की बिगड़ी बिजली व्यवस्था पर पार्षद खुलकर बोले। पार्षदों ने कहा कि वार्डो में रोड लाइटें नहीं जल रही, महापौर व सीईओ इस ओर ध्यान नहीं देते, इस बारे में लिखकर देते हैं तो लेटर को कचरे के ढेर में डाल दिया जाता है। सबसे अधिक गुस्सा पार्षद गायत्री सिसोदिया को अपने वार्ड में लंबे समय से अंधेरे में डूबे होने को लेकर था, उन्होंने कहा कि कई बार लिखकर दिया, महापौर सहित सभी को सूचित कर दिया, किसी ने सुनवाई नहीं की। जब पार्टी के जिलाध्यक्ष सहित अन्य ने उन्हें शांत रहने व बैठने के लिए कहा तो वे और फट पड़ी, कहने लगी यदि उनकी बात सुन नहीं सकते तो बैठक में बुलाते क्यों हो। इसी प्रकार पार्षद नरेन्द्र खींची, राममूर्ति, टिन्नू चतुर्वेदी, शीलू विजयवर्गीय, रेहाना खान सहित अन्य पार्षदों ने भी शहर में रोड लाइट की स्थिति खराब होने की बात कही। जब प्रदेश सचिव रवीन्द्र त्यागी ने महापौर व उपमहापौर से मिलकर इस समस्या को हल करने की बात कही तो पार्षद भड़क उठे, वे कहने लगे कि इन्हें तो कई बार लिखकर दे दिया, इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। इस पर जिलाध्यक्ष गोविंद शर्मा ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि वे स्वयं पार्षदों के साथ मिलकर सोमवार को सीईओ के पास जाएंगे। इस समस्या का समाधान कराएंगे। पार्षदों में इस बात को लेकर भी रोष था कि जब रोड लाइटों के संधारण का ठेका दिया हुआ है तो फिर सामान क्यों खरीदा गया, इसका भुगतान क्यों किया जा रहा है। महापौर ने इस पर अनभिज्ञता जताते हुए समिति अध्यक्ष को इसके लिए जिम्मेदार बता दिया। पार्षदों का आरोप था कि निगम से ट्यूबलाइटें जाती है लेकिन, वे कहां लग रही है, किसी को पता नहीं है। इस दौरान त्यागी और गोविंद शर्मा ने पार्षदों को अनुशासन में रहने की सीख दी।
१क् रुपए के ठेके को टेंडर बगैर 70  लाख तक बढ़ा दिए
बैठक में शनिवार को निगम बोर्ड की बैठक में ट्रैक्टर-ट्रॉली के भुगतान के रखे जाने वाले मुद्दे पर भी असंतोष जताया गया। पार्षदों का कहना था कि बिना जांच किए ही भुगतान कैसे, जब कार्य ही नहीं हुआ तो कैसे बिल बन गए। पार्षद नरेन्द्र खींची ने कहा कि 10 रुपए के ठेके को बिना कोई निविदा जारी किए 70 लाख रुपए तक बढ़ा दिया गया। इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए। इस पर निर्णय लिया गया कि पहले इसकी जांच कराई जाएगी, इसके बाद ही भुगतान का निर्णय होगा। इसके अलावा बैठक में बाकी एजेंडे पर भी चर्चा हुई। बैठक में लगभग 22 पार्षदों ने भाग लिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...