अधिकार: 72 करोड़ लोग चुनते हैं सरकार
1988 तक सिर्फ 21 साल और अधिक की उम्र के लोगों को ही सरकार के चुनाव का अधिकार।
अब: संविधान में 61वें संशोधन के जरिए 1989 में वोट देने की उम्र 21 से घटाकर 18 साल कर दी गई।
बदलाव : सरकार चुनने में करीब 72 करोड़ लोग योगदान दे रही है।
आसान कर्ज
1947 में आम भारतीय की सालाना आमदनी सिर्फ 19 हजार 865 रुपए (439 डॉलर)। बैंकिंग प्रणाली की असफलता का दौर। कुल आबादी में लगभग ६क् फीसदी लोग गरीब।
अब: सालाना आय 54 हजार 527 रु.। नीतियां बदलीं। घर, वाहन, पढ़ाई, पर्यटन, खेती सबके लिए आसान कर्ज। करीब दो करोड़ क्रेडिट, नौ करोड़ किसान क्रेडिट, 20 करोड़ डेबिट कार्ड।
बदलाव: देश के नौ हजार 324 अरब रुपए के लोन मार्केट में 46।10 हिस्सेदारी होम लोन की है।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा भारत
चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था
1950 के दशक तक दूरसंचार, बीमा, पावर प्लांट, स्टील, माइनिंग जैसे उद्योग सरकार के नियंत्रण में। मिली-जुली अर्थव्यवस्था पर 1990 तक रूस, ब्रिटेन का प्रभाव। उद्योग लगाने को लाइसेंस जरूरी।
अब : विश्व में चौथी सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था। सॉफ्टवेयर उद्योग में अव्वल। कृषि उत्पादन में अमेरिका के बाद नंबर दो। दुनिया में छठा सबसे बड़ा कार उत्पादक (30 लाख कार हर साल) भारत।
बदलाव: दो से 10 लाख रुपए सालाना आय वाले मध्यमवर्ग की करीब 16 करोड़ आबादी अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत।
टेलीविजन : 22 करोड़ परिवारों में से 13.5 करोड़ के पास
1962 तक दिल्ली में सिर्फ 41 टीवी सेट। देखने के लिए सिर्फ एक चैनल, दूरदर्शन।
अब: लगभग 22 करोड़ से ज्यादा परिवारों में से 13.5 करोड़ से ज्यादा के पास टेलीविजन। देखने के लिए 600 से ज्यादा चैनल।
बदलाव : जुलाई 2011 तक देश के 3.5 करोड़ से ज्यादा घरों के टीवी डीटीएच से जुड़ चुके हैं।
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