बिजनौर। यह कहानी किसी हिन्दी फिल्म के पटकथा सरीखी है। पर है सौ फीसदी सही। जिले के काजीवाला गांव का रहने वाला डाल चन्द्र बारह साल पहले मरने के बाद घर लौट आया। उसे देख घर वाले भौंचक्के रह गए। जिस डाल चंद्र को उन्होंने मरने के बाद जल में प्रवाहित कर दिया था, वह उनके सामने खड़ा था। घर वालों को यकीन नहीं हो रहा था, पर जब यकीन आया तो पूरा परिवार खुशियों से झूम उठा।
तुलाराम के बेटे डाल चन्द्र को घर आने की सूचना देखते ही देखते पूरे गांव में फैल गई। पूरा गांव उसके घर के सामने जमा हो गया। दरवाजे पर डाल चन्द्र को खडा देख घर वाले विस्मित रह गये। उसके साथ एक सपेरा भी था जिसके साथ डाल चन्द्र बारह साल रहा।
जानकारी के मुताबिक, डाल चन्द्र को 9 जून 1999 को सांप ने काट लिया था। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गांव की परम्परा के अनुसार सांप काटने से मरे व्यक्ति को जलाया नहीं बल्कि पानी में बहा दिया जाता है। इसी परम्परा के अनुसार डाल चन्द्र को भी नदी में बहा दिया गया।
उसके साथ आये सपेरे रमेश नाथ ने कहा कि डाल चन्द्र उसे नदी में बहता मिला तो उसका जडी बूटिंयों से ईलाज किया गया। कुछ महीने में वह ठीक हो गया लेकिन उसकी याददाश्त जाती रही।
भीख मांगते आज वह अपने गांव के समीप पहुंचा तो उसे सभी बातें याद आ गयी और वह घर पहुंच गया। जब डाल चन्द्र को सांप ने काटा था तब उसकी उम्र बीस साल थी और अब वह 32 साल का है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 अगस्त 2011
सांप काटने से मरा लड़का 12 साल बाद हुआ जिंदा, चौंक गए लोग!
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