बस आईजी साहब की है, जो करना है कर लो
आरटीओ ने इस बारे में अपने आला अधिकारियों को शिकायत कर दी है। लेकिन अब बस मालिक अदालत से इस बात का स्टे ले आया है कि बस को जब्त न किया जाए।
पिछले दिनों आरटीओ ने कालू चक्क में कटड़ा-जम्मू-अमृतसर रूट पर चल रही नागालैंड नंबर की बस को रोका गया। बस के परमिट की अवधि भी पूरी हो चुकी थी। यही नहीं, परमिट जारी हुआ था किसी अन्य बस को और उस पर गाड़ी चल रही थी दूसरे नंबर की। इस पर ड्राइवर ने आरटीओ को धौंस दिखाते हुए कहा ‘यह बस आईजी साहब की है। आप ने जो करना है कर लो’ इतना कह कर ड्राइवर चालान काटे जाने के बावजूद बस को वहां से भगाकर निकल गया।
इसके बाद आरटीओ ने पूरी जानकारी देते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र लिखा। बस को जब्त करने के लिए कमिश्नर ने आईजी ट्रैफिक को लिखा। आई जी ट्रैफिक ने एसपी ट्रैफिक को लिखा। चार महीनों के बाद भी आरटीओ की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला है फरवरी महीने का।
चार महीनों से वही ड्राइवर बस को उसी रूट पर रोजाना धड़ल्ले से दौड़ा रहा है। आईजी साहब की बस होने के कारण इसे पकड़ने में सब ने बस कर दी है। कारण बस मालिक ने बस जब्त न करने का निर्देश अदालत से ले लिया।
क्या था मामला
9 फरवरी को आरटीओ जम्मू ने एआरटीओ सांबा के साथ शाम साढ़े पांच बजे कालू चक्क में नाके पर कटड़ा-जम्मू-अमृतसर पर नागालैंड में पंजीकृत बस नंबर एनएल02बी-1777 रोकी। ड्राइवर को गाड़ी के दस्तावेज दिखाने को कहा तो उसने धौंस जमाते हुए कहा कि बस आईजी साहब की है, जो करना हो कर लो। आरटीओ ने ड्राइवर को सवारियों के लिए दूसरी बस का प्रबंध कर, पैसे वापिस लौटाने को कहा। इसके लिए सवारियां भी सहमत थी। ड्राइवर के खिलाफ सवारियों के गुस्से को देखते हुए ड्राइवर गाड़ी के दस्तावेज ले आया। ड्राइवर के व्यवहार को देखते हुए आरटीओ ने गाड़ी जब्त करने के एसएसपी जम्मू को फोन पुलिस दल मंगवाया।इसके बाद मौके पर पहुंचे एसएचओ गंग्याल को गाड़ी जब्त करने को कहा। उसके बाद एसएचओ को एक फोन आया और एसएचओ मंत्री की मूवमेंट की बात कहते हुए वहां से निकल गए।
इसी बीच ड्राइवर ने सवारियों को आरटीओ के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। इसी बीच एक व्यक्ति मौके पर आया और आरटीओ को 900-1000 रुपए लेकर मामले को रफा दफा करने की बात कहने लगा। आरटीओ ने डाइवर को बस गंग्याल थाने ले जाने कहा,लेकिन ड्राइवर बस को थाने ले जाने की बजाय वहां से फरार हो गया।
आरटीओ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को लिखा पत्र
मामले की जानकारी देते हुए आरटीओ ने 10 फरवरी को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पत्र लिखा।इसके साथ ही इसकी जानकारी मंडलायुक्त जम्मू को भी दी।
11 फरवरी को कमिश्नर ने बस तथा ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आईजी जम्मू तथा आईजी ट्रैफिक को पत्र लिखा।
17 फरवरी को मंडलायुक्त जम्मू ने आईजी ट्रैफिक को पत्र लिख कर उचित कार्रवाई करने को कहा।
25 फरवरी को आईजी ट्रैफिक ने एसपी ट्रैफिक जम्मू को बस नंबर एनएल02बी-1777 को जब्त करने के निर्देश देते हुए तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा।
इन निर्देशों के बावजूद भी गाड़ी जब्त नहीं हुई और आज भी धड़ल्ले से चल रही है।
पूरी तरह से फर्जीवाड़ा
बस नंबर एनएल02बी-1777 जिस परमिट पर चल रही है,वह भी फर्जी है। नागालैंड आरटीओ कार्यालय से जानकारी लेने पर पता चला कि एनएल02बी-1777 को यह परमिट जारी नहीं किया गया है।दरअसल 7 नवंबर से 6 दिसंबर तक का एक महीने का टेंपरेरी परमिट एनएल02डी-1777 बस को जारी किया गया था।इस परमिट की भी अवधि भी पूरी हो चुकी है।
यही नहीं बस नंबर एनएल02बी-1777 का जो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी फर्जी दिखता है। असलियत में यह बस 35 सीटर है जबकि टोकन सर्टिफिकेट में इसे 55 सीटर दर्शाया गया है। इसमें भी 45 सीटें और दस स्लीपर है।
क्यों की गई कार्रवाई : मंडलायुक्त जम्मू ने 24 दिसंबर 2010 को संबंधित अधिकारियों की बैठक ली थी।इसमें राज्य में अवैध रूप से चल रही इंटर स्टेट बसों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया था।इन बसों के खिलाफ कार्रवाई करते समय पुलिस की पूरी सहायता मिलने की भी बात कही गई थी।
इस बारे में जब ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों से बात करनी चाही तो रविवार शाम को आईजी ट्रैफिक हेमंत कुमार तथा एसपी ट्रैफिक जाहिद मन्हास दोनों के फोन स्विच ऑफ थे।
बस मालिक ने बस को जब्त न किए जाने के निर्देश अदालत से ले लिए हैं।
विरेंदर सलाथिया आरटीओ-जम्मू
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