कोन कहता है
नदी के दो किनारे
अलग अलग होते हैं
इन दो किनारों को तो
पानी या फिर मिटटी पत्थर
एक कर देते हैं ..
कोन कहता हैं के
उत्तर दक्षिण
पूरब पश्छिम को
कोई मिला नहीं सकता
यह तो सब धरती की मिटटी से
एक दुसरे से
जुड़े रहते हैं ..
कोन कहता है
के जमीन आसमान
एक नहीं हो सकते
यह तो यूँ ही
पहाड़ों से मिले रहते हैं ..
कोन कहता है नफरत को
प्यार से
जीता नहीं जा सकता
यह कमाल तो गांधी गिरी ने
करके ही दिखाया
इसलियें दोस्तों
जरा आगे बढो
कोई काम नहीं है
मुश्किल
जब क्या इरादा पक्का
कामयाबी आपके
कदम चूमने के लियें
इन्तिज़ार कर रही है ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
bhut hi khubsurat abhivakti...
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