सच जो भी बोला है ......
आज हो या कल
सर
सूली पर
चढाया गया है
इस प्यार को
किस
सांचे में ढालें
अभी तक
पता नहीं
अभी तो बस
इसे सांचे में
ढालने के लियें
पिघलाया गया है .
............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
such hi likh diya apne...
जवाब देंहटाएं