हर कोई यूँ ही ........
मेरी तरह
दर्द में
मुस्कुरा नहीं सकता ..
मेरी ही तरह
अपने दिल की बात
सबको
बता नहीं सकता .
रौशनी लेने वालों
खुद
महसूस कर लेना
चिराग
जल तो सकता है
लेकिन
तकलीफ अपनी
बता नहीं सकता ........
और एक आप हैं
ज़ालिम जिनका दिल
इस रौशनी करने वाले
चिराग के दर्द
को समझ नहीं सकता .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
bhut hi khubsurat shabdo se rachi rachna...
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