आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 जून 2011

हर कोई यूँ ही ........

हर कोई यूँ ही ........
मेरी तरह 
दर्द में 
मुस्कुरा नहीं सकता ..
मेरी ही तरह 
अपने दिल की बात 
सबको 
बता नहीं सकता .
रौशनी लेने वालों 
खुद 
महसूस कर लेना 
चिराग 
जल तो सकता है 
लेकिन 
तकलीफ अपनी 
बता नहीं सकता ........
और एक आप हैं 
ज़ालिम जिनका दिल 
इस रौशनी करने वाले 
चिराग के दर्द 
को समझ नहीं सकता .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...