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05 जून 2011

भाई चारा और प्रेम का संदेश फैलाएं

भाई चारा और प्रेम का संदेश फैलाएं

 

 
 
 
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अजमेर. सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 799वें उर्स के मौके पर रविवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से खिराजे अकीदत पेश की गई। गांधी और गहलोत की ओर से मजार शरीफ पर मखमल की चादर और अकीदत के फूल पेश कर मुल्क में अमन, भाईचारा और खुशहाली की मन्नत मांगी गई।

गांधी ने भेजे संदेश में ख्वाजा गरीब नवाज को महान पंथ निरपेक्ष मूल्यों का प्रतीक बताया और भाईचारा व प्रेम का संदेश फैलाने का आह्वान किया। सोनिया गांधी की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री मुकुल वासनिक, केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय जनजाति विकास राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला, राज्य सभा सांसद अश्क अली टांक, अनीस दुर्रानी और विवेक बंसल आदि मखमल की चादर लेकर दरगाह पहुंचे।

मंत्रियों का यह काफिला धानमंडी से पैदल ही दरगाह पहुंचा। निजाम गेट पर सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी, यासिर गुर्देजी, जकरिया गुर्देजी, वाहिद अंगारा, पूर्व विधायक हाजी कय्यूम खान, कांग्रेस अल्पसंख्यक देहात अध्यक्ष हाजी महमूद खान और आरिफ हुसैन आदि ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री एमादुद्दीन अहमद, दुरु मियां पहले ही दरगाह पहुंच चुके थे। वे भी इस काफिले में शामिल हो गए।

सीएम गहलोत और मंत्रियों ने शाहजहांनी गेट से चादर को फैला लिया और जुलूस के रूप में आस्ताना शरीफ की ओर लेकर रवाना हुए। पायलट, जोशी, वासनिक, टांक, और अन्य कांग्रेस नेता चादर को सिर पर उठाए महफिल खाना, शाहजहांनी मस्जिद सहन होते हुए जन्नती दरवाजे से आस्ताना शरीफ में दाखिल हुए। मजार शरीफ पर अकीदत का नजराना पेश किया गया। खादिम सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी ने जियारत कराई, दस्तारबंदी की और तबरुक भेंट किया।

अंजुमन व कमेटी ने किया इस्तकबाल: साहबजादी साहब के सहन में अंजुमन सैयदजादगान की ओर से सदर सैयद गुलाम किबरिया चिश्ती, नायब सदर सैयद इकबाल चिश्ती, सचिव सैयद महमूद उल हसन चिश्ती, सहसचिव सैयद हसन हाशमी, सैयद अकील चिश्ती आदि ने दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया। अंजुमन शेखजादगान की ओर से नायब सदर हाजी मोहम्मद आरिफ चिश्ती और सचिव एस हफीजुर्रहमान चिश्ती ने दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया। बुलंद दरवाजे पर कमेटी सदर प्रो सोहेल अहमद, हाफिज वकील, इलियास कादरी और नाजिम अब्दुल मजीद खान ने बुके देकर व दस्तारबंदी कर स्वागत किया।

सीएम का संदेश: सीएम गहलोत ने अपने संदेश में कहा कि इस मुबारक मौके पर होने वाले तमाम प्रोग्राम ख्वाजा गरीब नवाज की रोशन जिंदगी और उनकी तालीमात, गरीबों, मजलूमों, बेसहारों, बुजुर्गो की खिदमत और इंसानियत के नजरिये के साथ जायरीन के लिए उपयोगी हैं। गहलोत ने गरीब नवाज से मुल्क और सूबे में अमन, चैन, इंसानी मोहब्बत, कौमी इत्तिहाद की मन्नत मांगी। उन्होंने कहा कि अदलो इंसाफ और इंसानी खिदमत का पैगाम देने वाली आलमी हस्तियों के उर्स की अपनी खास अहमियत है। इनसे उनकी जिंदगी, तालीम और पैगाम को आम अवाम तक पहुंचाने का मौका मिलता है। उन्होंने जायरीन को शुभकामनाएं दीं।

सोनिया को चुनरी व तबरुक भेजा: गुर्देजी ने केंद्रीय मंत्री वासनिक के साथ सोनिया गांधी को दरबार की चुनरी और तबरुक भेजा। इस मौके पर राज्य सभा सांसद डॉ प्रभा ठाकुर, पुष्कर विधायक नसीम अख्तर इंसाफ, नगर निगम के महापौर कमल बाकोलिया, महेंद्र सिंह रलावता समेत विभिन्न जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

वासनिक ने पढ़ा सोनिया गांधी का संदेश: केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक ने महफिल खाना के गेट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जायरीन के नाम भेजा संदेश पढ़ा। सोनिया ने अपने संदेश में जायरीन को उर्स की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुबारक मौका है, जब दुनिया भर से लोग अजमेर आते हैं और ख्वाजा साहब को अपनी अकीदत पेश करते हैं। ख्वाजा साहब का जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी है। वे भारतीय समाज की अद्भुत सांस्कृतिक परंपरा और महान पंथ निरपेक्ष मूल्यों का प्रतीक हैं। ख्वाजा साहब ने निर्भय और निष्पक्ष रह कर भाई-चारे, सदभाव और प्रेम का संदेश देने का काम किया। यह मौका है कि हम अपने व्यक्तिगत आर सार्वजनिक जीवन में उस रास्ते पर चलने का संकल्प लें, जो ख्वाजा साहब ने हमें दिखाया है।

पीछे छूट गए जोशी: जब मंत्रियों का काफिला जन्नती दरवाजा से चादर लेकर दाखिल हो गया, उस समय केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी पीछे छूट गए। अनेक कार्यकर्ता मौका देख कर चादर के साथ अंदर घुस गए, लेकिन जोशी नहीं घुस पाए। भीड़ अधिक होने के कारण अंदर से लोगों ने कहा अब किसी को प्रवेश मत दो, लेकिन जब पुलिस अधिकारियों की निगाह जोशी पर पड़ी, तो वे तुरंत उन्हें लेकर अंदर पहुंचे।

हाकिम को सुकून, अवाम परेशान: सीएम और मंत्रियों के काफिले के दरगाह में आते ही सहन जायरीन से खाली करा लिया गया। कुल की रस्म के दौरान ये सहन खाली कराया जाता है, ऐसे ही इस बार मंत्रियों के लिए भी सहन खाली हो गया। बीच में केवल पुलिस और खुफिया कर्मी थे। जायरीन का हुजूम इंतजार में खड़े नजर आए। अहाता ए नूर में जायरीन को रोक दिया गया। पहले मंत्रियों को जियारत कराई । उनके निकलने के बाद जायरीन को प्रवेश दिया गया।

प्रभा ठाकुर और नसीम अख्तर पहुंचे बाद में: जब मंत्रियों का काफिला आस्ताना शरीफ में चादर लेकर पहुंच चुका था, उसके बाद राज्य सभा सांसद डॉ. प्रभा ठाकुर, पुष्कर विधायक नसीम अख्तर और महिला कांग्रेस की अन्य कार्यकर्ता पहुंचीं। उन्हें भी आस्ताना शरीफ ले जाया गया।

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