'' ये मन की अभिव्यक्ति का सफ़र है, जो प्रति-पल मन में उपजता है...'' ___ जेन्नी शबनम जी हाँ डोक्टर शबनम अपने इसी अंदाज़ में लम्हों के सफर के साथ आप और हमारे बीच बहतरीन रचनाएँ बनत रही है ................बहन डोक्टर जेन्नी शबनम नै दिल्ली से भागलपुर यानी बिहार और दिल्ली तक का सफर तय कर आई हैं और अलग अलग राज्यों के लोगों के साथ ..अलग अलग हालातों को देखने के बाद उनकी मन की अभिव्यक्ति का जो सफर चला है उसकी जो उड़ान हुई है इन सब को अल्फाजों में ढाल कर बहन शबनम ने ब्लॉग की दुनिया को खुबुरत अल्फाजों से तर बतर कर दिया है ...............जनवरी २००९ में जब बहन जेन्नी शबनम ने मुनासिब नहीं है मेरा होना ..पहली रचना हिंदी और अंग्रेजी में ब्लॉग लम्हों का सफर पर लिखी तो बस फिर यह लिखती ही रहीं और आज पुरे ढाई साल के लगभग वक्त गुजरने के साथ साथ इनके अल्फाजों की धार पेनी होती जा रही है और इनके अलफ़ाज़ लोगों के जमीर को झकझोर रहे हैं ...ओशो और अमरता प्रतीतं का साहित्य पसंद करने वाली बहन शबनम साहित्य प्रेमी संघ में भी सांझा ब्लोगर हैं ...इनके हर लम्हों के सफर में ऐसा लगता है के जिंदगी की आस और जिंदगी की सांस है ऐसी रचनाकार को बधाई ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 मई 2011
'' ये मन की अभिव्यक्ति का सफ़र है, जो प्रति-पल मन में उपजता है...'' ___ जेन्नी शबनम
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डाक्टर शबनम जैनी की कई रचनाएँ मैंने पढ़ी है उनकी रचनाये बहुत सुंदर अर्थों से सजी होती है आपका आभार जानकारी देने के लिए ...
जवाब देंहटाएंजैन्नी जी को पढ़ते आये हैं नियमित. आभार इस परिचय का.
जवाब देंहटाएंi wish ki dr.jaani ji aisae hi likhti rahe...
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