आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 मई 2011

जरा सोचो ....

जरा सोचो ....
जरा ठहरो 
जरा रुको 
जरा चिंतन कर लो 
जो बात 
तुमको 
तुम्हारे लियें 
तुम्हारे धर्म के लियें 
पसंद ना हो 
क्या वाही बात 
तुम्हे 
दुसरे के लियें 
दुसरे के 
धर्म के लियें 
करना चाहिए 
अगर 
जो बात 
तुमको पसंद नहीं 
तुम दूसरों के लियें 
करते हो 
तो तुम 
क्या इंसान कहलाने लायक हो 
जरा इस सवाल को 
सोचो 
चिंतन और मनन करो 
और हो सके तो 
जवाब देने की हिम्मत और जज्बा पैदा करो 
आपके हर जवाब का 
में सामना करने को 
तय्यार हूँ ....................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...