जरा मुझे बताओ ....
एक चुटकुला
ख़ुशी का एक
एहसास
तुम्हें
बार बार
ना तो
गुदगुदाता है
ना ही
हंसाता है
फिर केवल
एक दर्द
क्यूँ
अपने अन्दर
ऐसा
रख लेते हो
जो तुम्हें
बार बार
हर रोज़
दर्द से
कराहता है ..............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ. आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें
जवाब देंहटाएं