राजस्थान में झीलों की नगरी जहां के आसपास निवासित आदिवासी जो भूखे नंगे हें उनका सच जनता के सामने लाने के लियें उन्हें एकत्रित कर उनके नाम से निकाले जाने वाली रेली में राजस्थान सरकार में राजस्थान सरकार में बेठी एक मंत्री के पति सांसद और सरकार के बिच जंग छिड़ गयी हे हालत यह रहे के इन संसद जी को थप्पड़ मार कर सीधा कर दिया गया अब यह पुलिस की हिरासत में हें .
राजस्थान में गरजने और बरसने वाले कहे जाने वाले एक मात्र राजनितिक शेर सांसद डोक्टर किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी श्रीमती गोलमा राजस्थान सरकार में मंत्री हैं यह वाही डॉक्टर किरोड़ी मीणा हें जिनकी क्रपा से राजस्थान में आज कोंग्रेस सरकार को बहुमत प्राप्त है और वोह राज कर रही है किरोड़ी दो जगह से विधायक बने थे और अभी दोसा से सांसद हैं इनकी दबंगई के किस्से राजस्थान की सडकों ,गलियों और जंगलों में आम हैं .
डोक्टर किरोड़ी अपना आधार दुसरे इलाकों में बढाने के लियें कोंग्रेस के वोट बेंक में सेंध लगाने के मकसद से उदयपुर दलितों के गाँव और बस्तियों में जा पहुंचे डोक्टर साहब ने दलितों की बस्तियों में तो अपना बसेरा नहीं बनाया और एक सुख सुविधा युक्त होटल रोयल इन् में रहने का इन्तिज़ाम किया वहां दलितों को एकत्रित कर भूखों को रोटी और नंगों को कपड़े दिलवाने के नाम पर एक आन्दोलन छेड़ने की रणनीति बनायी जा रही थी एक बढ़ी रेली निकाले जाने की तय्यारी थी कलेक्टर की रिपोर्ट थी के अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है इसलियें पहले धरा १४४ लगाकर किरोड़ी को १५१ में गिरफ्तार कर डराया गया वोह नहीं माने तो फिर किरोड़ी को पकड़ कर जिलाबदर करने के लियें ताकत का इस्तेमाल किया गया डोक्टर किरोड़ी का कहना है के उनके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजराज सिंह ने थप्पड़ मारा है जबकि कुछ लोगों का कहना है के किरोड़ी ने भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के थप्पड़ मारा है इस मामले में तेजराज सिंह ने ऐसी घटना होने से इनकार किया है फिलहाल डोक्टर किरोड़ी को अजमेर नजरबंद रखा गया है .
दोस्तों कहीं अगर बलवा हो तो ऐसी गिरफ्तारी तड़ीपार की कार्यवाही ठीक लगती है लेकिन एक निर्वाचित सांसद, एक राजस्थान सरकार में बेठी मंत्री गोलमा के पति के साथ केवल भूखों को रोटी और नंगों को कपड़े दिलवाने की मांग पर इस तरह की दुर्दशा क्या लोकतंत्र है .......अगर राजस्थान सरकार ने आदिवासियों के लियें कुछ योजनायें तय्यार की हैं तो फिर उन्हें डरने की क्या जरूरत है आदिवासी तो जो उन्हें न्याय दिलाएगा उनके साथ ही रहेंगे लेकिन कल उदयपुर में जो भी राजनीति हुई है उससे राजस्थान सरकार की कार्यवाही लोकतंत्र में एक उदाहरण बन कर कभी ना कभी किसी कोंग्रेसी पर बरसेगी जरुर .......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)