जलियाँ वाला बाग़ के अमर शहीदों को बैसाखी पर्व पर एक छोटी सी श्रद्धांजली शहीदों को शत शत नमन. ............................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 अप्रैल 2011
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akhtar bhai, aap sachche hindustani hai. aapke lekh vivado se pare hote hai. aabhar.
जवाब देंहटाएंशहीदों को शत शत नमन.
जवाब देंहटाएंशहीदों को शत शत नमन|
जवाब देंहटाएंजो अभी बाकी है...
जवाब देंहटाएंइंकलाब ज़िंदाबाद...