में जानता हूँ
तुम्हें
जान से भी ज़्यादा
फूल पसंद हैं
लेकिन फिर भी
में तुम्हें
फूल नहीं दूंगा
मुझे याद हे
में तुम्हे जान से भी ज़्यादा चाहता हूँ
मुझे याद हे मेरा वायदा
मेने तुमसे कहा था
हाँ में तुम्हारे लियें
चाँद तारे तोड़ लाऊंगा
लेकिन फिर भी
में तुम्हे
यह फुल नहीं दूंगा
क्योंकि
में तुम्हें तुम्हारी आदत तुम्हारे शोक को जानता हूँ
तुम मुझ से
इस फुल को
अपने खतरनाक हाथों में लोगी
इसकी खुशबु से मदमस्त होकर
इस नाज़ुक फुल को
खुद अपने हाथों से
बेरहमी से
मसल दोगी
पंखुड़ियां इस फूल की
पेरों तरह
तुम रोंदोंगी
और फिर
मुझे बर्बाद करके
मुस्कुराई थीं जेसे
वेसे ही विजय मुस्कान से
मुझे देख कर
एक बार फिर मुस्कुरा दोगी
बस इसीलियें
यह फूल में
तुम्हें
हरगिज़ नहीं दूंगा
हाँ कुछ कनाते रखे हे
पास में तुम्हे उनकी जरूरत हे
कहो तो
यही कांटे में तुम्हे दे दूँ
बस फूल की जिद छोड़ दो
यह खुशबु बिखेरते
खुबसूरत फूल
में तुम्हें हरगिज़ नहीं दूंगा .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
ओह क्या खूब लिखा है।
जवाब देंहटाएंफुल न दो हाफ चलेगा।
जवाब देंहटाएंफूल की क्या गलती है इसमें !
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा.
जवाब देंहटाएंबजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें
आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.
मैं किसी जाम का मोहताज नहीं हसरत,
जवाब देंहटाएंमेरा साथी मुझे आँखों से पिला देता है!
ए नमकपाश तेरी सांवली सूरत की कसम,
दिल का हर जख्म तुझे दिल से दुआ देता है!!
'हसरत जयपुरी'
bahut sundar kavita, yaha bhi aaye,
जवाब देंहटाएंडंके की चोट पर
मुझे बर्बाद करके
जवाब देंहटाएंमुस्कुराई थीं जेसे
वेसे ही विजय मुस्कान से
मुझे देख कर
एक बार फिर मुस्कुरा दोगी
बस इसीलियें
यह फूल में
तुम्हें
हरगिज़ नहीं दूंगा
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बहुत ही उम्दा शब्दों का इस्तेमाल किये हैं धन्यवाद |