राजस्थान में चिकित्सकों ने अपनी मांगों के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाने के लियें सामूहिक इस्तीफे देने का फेसला लिया लेकिन सरकार इन इस्तीफों को स्वीकार ना कर ले बस इसीलियें इस्तीफे वापस ले लिए गये ।
सरकार से चिकित्सकों के मांगे पुरानी बात हे इस बार राजस्थान के सभी वरिष्ट चिकित्सकों ने १ मार्च को सामूहिक इस्तीफे देने की पेशकश की सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लियें राजस्थान में वैकल्पिक व्यवस्था कर ली और सरकार चाहती थी के अगर इस बार चिकित्सक इस्तीफे देते हें अस्पताल में भर्ती मरीजों को परेशां करते हें तो ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी और इसी लियें वैकल्पिक व्यवस्था तय्यार की गयी थी सरकार के पास चिकित्सकों की कमी नहीं हे हजारों चिकित्सक बेरोजगार हें और वोह नोकरी के इन्तिज़ार में हें बस उनका अनुभव कम हे लेकिन अनुभव चिकित्सकों को केवल सरकारी अस्पतालों से ही मिलता हे जो भी चिकित्सक सरकारी चिकित्सालय में तेनत होता हे मान सम्मान और ग्राहकी सभी उसे सरकारी चिकित्सालय से ही मिलते हें सरकारी सेवायें समाप्त होने के बाद कोई कितना ही नामवर बढ़ा चिकित्सक हो जीरो हो जाता हे और उसे फिर से अपनी जिंदगी ऐ बी सी डी से शुरू करना पढ़ती हे बस इसीलियें चिकित्सकों ने कल अपने सामूहिक इस्तीफे नहीं देने का निर्णय लिया वरना सरकार तो तय्यार बेठी थी ................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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