मुकदमे वापसी मामले में सरकार की नहीं चलेगी और जिन मुकदमों को राजनितिक और तुच्छ प्रक्रति का मानकर सरकार कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं के मुकदमे वापस लेना चाहती हे उन मुकदमों को वापस नहीं लेगी और मुकदमे यथावत चलेंगे यह आदेश कल कोटा की एक अदालत ने कोंग्रेस कार्यकर्ताओं के एक मामले में दिया . कोटा में पिछले दिनों भाजपा महापोर काल में कोंग्रेस के कुछ नेताओं ने उनके चेम्बर में सोनिया गांधी के खिलाफ टिप्पणी के मामले में प्रदर्शन कर तोड़फोड़ की थी और उन्हें जातिगत शब्दों से अपमानित किया था इस मामले में एक दर्जन से भी अधिक लोगों के खिलाफ किशोरपुरा थाने में मुकदमा दर्ज किया था इस मामल में कोंग्रेस के दिग्गज कार्यकर्ताओं को अभियुक्त बनाया गया था .
सरकार ने कोटा न्यायालय में चल रहे इन मुकदमों को तुच्छ प्रक्रति और कानून व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पढने वाला नहीं मानकर इस मुकदमें को दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधान के तहत वापस लेने के आदेश दिए थे जिसे कोटा की अदालत में सरकारी वकील ने पेश किया और फिर अदालत ने सरकार के इस आदेश को खारिज कर दिया हे ना मजेदार बात देश में लाखों करोड़ों मुकदमे दर्ज होते हें कई गरीब निर्दोष लोग अदालतों के चक्कर काट रहे हें लेकिन सरकार हे के केवल कोंग्रेसी या भाजपाई कार्यकर्ताओं के बारे में ही सोच कर मुकदमे वापस लेने की बात करती हे जबकि विधिआयोग का गठन कर इस मामले में कोई निति बनाना चाहिए और मुकदमों के फर्जी अम्बार से मुक्ति पाना चाहिए . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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