यह
यह कलियुग हे यारों
यहाँ तूफ़ान में
जिन डूबने वालों को
तुम ने बचाया हे
आज वही
सामने खड़े हें
तुम्हें डुबोने के लियें .....................
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
आज वही
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तुम्हें डुबोने के लियें
kaliyug kee mahima ka satya varnan..