देश में सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश अगर गरीबों के खिलाफ अत हे तो उसकी तुरंत पलना सुनिश्चित करने के प्रया किये जाते हें लेकिन यही आदेश अगर सरकार या अमीरों के खिलाफ होता हे तो फिर इस आदेश की पालना तो दूर आदेश की जानकारी भी अधिकारी और सरकारें याद रखना मुनासिब नहीं समझते हें ।
अभी हाल हे में देश में पाउच गुटका के नाम पर फेलाए जा रहे जहर को रोकने के लियें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे के देश में पोलीथिन और प्लास्टिक के पाउच में जर्दा गुटका ,पानमसाला,सुपारी वगेरा नहीं बेचीं जायेगी और इस मामले में सरकारों को कार्यवाही के निर्देश देते हुए प्रदूषण नियन्त्रण विभाग को पर्यावरण कानून के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए थे । इस आदेश के बाद सभी गुटका व्यापारी लामबंद हुए और सभी ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश की पलना के लियें निर्धारित समयावधि फरवरी से बढ़ाने की मांग की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कढाई से अपने आदेशों को दोहराते हुए कहा के इस में कोई रियायत सम्भव नहीं हे यह देश की जनता के स्वस्थ की सुरक्षा का सवाल हे और एक बार फिर सरकारों को इस आदेश की पालना के निर्देश दिए ।
आज कोटा सहित सारे राजस्थान में जर्दे गुटके के पाउच सरे आम बेचे जा रहे थे सरे आम इन पाउचों को सडकों पर फेंक कर न्यूसेंस करा जा रहा था कोटा कलेक्टर और कोटा के प्रदूषण विभाग को इस बारे में बार बार पूंछने पर भी कोई जानकारी नही थी तो जनाब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना अगर सरकार या अमीरों के खिलाफ हो तो बस ऐसे ही होती हे और देश के सुप्रीमकोर्ट के दस हजार से भी अधिक आदेश आज पालना नहीं होने के कारण धूल चाट रहे हें लेकिन गरीबों के खिलाफ शत प्रतिशत हर आदेश की पालना सरकारों ने की हे बस ऐसी ही हें हमारी सरकारें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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