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11 मार्च 2011

कुदरत का कहर

कल जापान
जहां खुशियाँ बस्ती थी
विश्व में
जहां के लोगों को
लोग इज्जत से देखा करते थे
वोह जापान जहां की तकनीक
विश्व में सबसे बहतर होने से
लोग इस देश को तकते थे
वाही जापान
जहां हिरोशिमा नागासाकी का दर्द था
फिर भी यह जापान
विश्व के सभी हिस्सों से अलग था
यहाँ प्यार था , मानवता थी
लेकिन यह क्या पल भर में
जहां बस्ती थी खुशियाँ
मातम हे आज वहा
यह सच
आप और में जी हाँ सभी
यानी
हम सब ब्लोगर भाई जानते हें
यह सच हम जानते हें
आज हम हे कल नहीं रहेंगे
कल क्या हो सकता हे अभी ही नहीं रहेंगे
तो फिर भाइयों क्यूँ एक दुसरे को नफरत बांटते हो
क्यूँ एक दुसरे के लियें दिल दिमागों में
जहर रखते हो
ना जाने कब किस ब्लोगर की
किस गली में शाम हो जाए
उसके किस्से ना जाने कब आम हो जाएँ
तो फिर इस बुद्धिजीवी ब्लोगिंग की दुनिया में
कसी नफरत , केसी कडवाहट ,केसा उतार चढाव
सब बेकार बेमाने हें
आओ सभी संकल्प लें
इससे पहले के कुदरत का कहर हमें घेरे
हमारी खुशनुमा सुबह की शाम हो
हम सब मिल जुलकर एक ऐसी
ब्लोगिंग की दुनिया बनाएं
जहां प्यार हो अपनापन हो खुशियाँ हो
स्वर्ग सा खुशनुमा माहोल हे
खुदा करे
मेरी यह दुआ आज से
अरे नहीं आज से नहीं
अभी से ही पूरी हो जाए
क्या आप भी मेरी
इस दुआ को पूरा करने की
तमन्ना रखोगे
अगर हाँ तो उठो
और बना डालों प्यार की एक ऐसी नई दुनिया ,,,,,,.. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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