राजस्थान में राज्यपाल के अभिभाष्ण के दोरान कोटा दक्षिण के विधायक ने सरकार का पुरजोर रचनात्मक विरोध कर खुद को मुखर कर दिया हे ।
कोटा दक्षिण से विधायक ओम बिरला पहले राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव थे उन्होंने विधानसभा में पहले कोटा नगर निगम की टेक्स वसूली की पक्षपात पूर्ण निति की पोल खोली और फिर राज्यपाल के आभिभाष्ण को नकारते हुए हर मोर्चे पर सरकार के विफल होने के तार्किक आंकड़े दिए उन्होंने इस विरोध भाषण में विरोध करने के लियें विरोध नहीं किया बलके सरकार को हर योजना की विफलता के तर्क दिए और आयना दिखाया सरकार को ओम बिरला ने अपने तर्कों से ला जवाब कर दिया इतना ही नही राज्यपाल के अभिभाष्ण मामले में भाजपा ने कोरम का मुद्दा भी उठाया खुद कोंग्रेस के मंत्री भी विधान सभा से गायब रहे कोंग्रेस के कुछ मंत्रियों को जब खतरा लगा तो फिर उन्होंने मोर्चा सम्भाला ।
ओम बिरला के इस मुखर विरोध के बाद सरकार को कई योजनाओं की समीक्षा और खुद के गिरेहबान में झाँक कर सुधार करने का मोका मिला हे देखते हें इन हालातों में सरकार अब किस हद तक कितना सुधार करती हे या फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत साबित होती हे जनता मरती हे तो मरने दो आंसू ना बहा फरियादियों की ना सुन हमें तो कुर्सी बचाना हे बस कुर्सी की यही चाल चल ............ .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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