आपका-अख्तर खान

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25 फ़रवरी 2011

कुछ अजूबे ऐसे भी ..

दोस्तों
यह मेरा
भारत महान हे
यहाँ कुछ अजूबे
इस अजायब घर में ऐसे भी हें
जिन्हें देख कर
लोग हंसते हें
जिनकी कार्यशेली और दिनचर्या को
लोगमुर्ख की कार्यशेली कहते हें
हाँ दोस्तों में सही कहता हूँ
आज जो लोग
अपना काम वक्त पर
करते हें
जो सरकारी कर्मचारी
वक्त पर दफ्तर जाते हें
वक्त पर पत्रावलियों में काम करते हें
जो लोग रिश्वत नहीं लेते
जो लोग बिना किसी सिफारिश के
सभी का काम कर देते हें
जो लोग देश के लियें जीते हें
जो लोग देश के कानून का सम्मान करते हें
जो लोग एकता अखंडता की बात करते हें
जो लोग साम्प्रदायिक सद्भाव
भाईचारे की बात करते हें
हाँ दोस्तों बस यही लोग
इन दिनों
देश के करोड़ों करोड़ लोगों को
अजूबे से
मुर्ख और पागल से लगते हें
क्या हम मुर्ख हे
या हम लोगों की तरह
ऐसे लोगों को मुर्ख कहने वालों की टीम में शामिल हे
जरा सोचें चिन्तन करें
और हो सके तो
मेरी तरह अजूबा मेरी तरह मुर्ख बनने की कोशिश करें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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