आपका-अख्तर खान

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22 फ़रवरी 2011

इनकार और इकरार

वोह हर बार
इंकार हम से
करते रहे
फिर भी
उनकी हर बात का हम
इकरार करते रहे
वोह हमसे तकरार
करते रहे
हम उनसे
प्यार करते रहे
वोह हमें दुत्कारते रहे
लेकिन अपनी
इन अदाओं से
हमे वोह
हमेशा बेकरार करते रहे
हम उनसे
प्यार करते रहे
वोह हमारे लियें
खुद को
खूंखार करते रहे
प्यार का हम
इज़हार करते रहे
वोह कभी स्वीकार
तो कभी
इनकार करते रहे ...................... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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