वोह हर बार
इंकार हम से
करते रहे
फिर भी
उनकी हर बात का हम
इकरार करते रहे
वोह हमसे तकरार
करते रहे
हम उनसे
प्यार करते रहे
वोह हमें दुत्कारते रहे
लेकिन अपनी
इन अदाओं से
हमे वोह
हमेशा बेकरार करते रहे
हम उनसे
प्यार करते रहे
वोह हमारे लियें
खुद को
खूंखार करते रहे
प्यार का हम
इज़हार करते रहे
वोह कभी स्वीकार
तो कभी
इनकार करते रहे ...................... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)