तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 जनवरी 2011
शुक्रिया शुक्रिया भाई दिनेश जी द्विवेदी
मेरे दोस्तों भाइयों बहनों और बुजुर्गों आज आपको मेरे ब्लॉग का रूप परिवर्तन नजर आ रहा हे में आपको पहले भी बताया था के में ब्लॉग की दुनिया में नोसिखिया हूँ लिख सकता हूँ लेकिन ब्लॉग की डिजाइन के बारे में में जीरों हूँ अभी इंटरनेट से क्या फायदे केसे उठाये जा सकते हें इसमें में ना समझ हूँ बस इसीलियें मेने मेरे बढ़े भाई और ब्लोगर की दुनिया के सरताज में सरे फहरिस्त जनाब दिनेश राय द्विवेदी जी से निवेदन किया उनके खुद के ब्लॉग अदालत और अनवरत बगेरा चलते हें बहतरीन और अनुकरणीय लेखन हे विधि की ज्ञाता होने के कारण भाई दिनेश जी ने खुद को अदालत के माध्यम से यादगार बना दिया हे जिनकी सेवाओं को किसी भी सुरत में भुलाया नहीं जा सकता , मेरे भाई दिनेश जी का खुद का अपना काम हे उनका परिवार हे जिम्मेदारियां हें और इन दिनों उनका दोलत खाना कता बारां रोड की कोलोनी अंजली विहार में तय्यार हो रहा हे इतना ही नहीं कल हवाई जहाज़ से उनकी बिटिया दुबई के लियें रवाना हुई थी जो आज दुबई में थी उनकी इन सब व्यस्तताओं के बाद खुद उन्होंने मेरे ब्लॉग को डिजाइन करना स्वीकार किया और सहज भाव से मेरे ब्लॉग को सजाते संवारते रहे मुझे बारीकियां समझाने का प्रयास किया पहले तो में समझता रहा लेकिन यकीन मानिए इतने पेच देख कर में घबरा गया और सब कुछ भूल गया खेर भाई दिनेश जी ने मेरे ब्लॉग को अपडेट और सुंदर कर दिया हे अभी उसकी और मरम्मत बाक़ी हे जिसे उन्होंने वक्त मिलते ही जल्द पूरा करने का वायदा किया हे दोस्तों मेनें तो कुछ नहीं किया एक सलील भाई ब्लोगर की नई पुस्तक उन्होंने द्विवेदी जी को उन्होंने भेजी थी मेने वोह उल्ट पलट की फिर द्विवेदी जी ने दुबिया से बच्ची का फोन आने पर भाभी जी को फोन दिया और हमारी आदरणीय भाभी जी ने तिल के लड्डू के साथ अल्पाहार और कोफ़ी लाकर रख दी में कोफ़ी पीता इसके पहले भाई दिनेश जी ने मेरे बदशक्ल ब्लॉग की जो शक्ल बनाई सच में खुद मेरे ब्लॉग को नहीं पहचान सका और अब यह ब्लॉग आपके सामने हे अभी तो इसमें मेरे भाई बहुत खूब मरम्मत करेंगे कहने को तो में खुद को बहुत बहुत तेज़ी से लिखने वाला ब्लोगर मानता हूँ और ब्लॉग लेखन के आंकड़ों में में अभी लेखन गति के मामले में सबसे आगे भी हूँ लेकिन आधा अधूरा अध् कचरा नोसिखिया हूँ जिसे मेरे भाई ललित जी कभी टिप्स देते हें तो कभ उदय भाई तो कभी मासूम भाई तो कभी मेरे बढ़े भाई दिनेश राय जी द्विवेदी संवारने की कोशिश करते हें और भी मेरे हम नवाज़ हे जो मुझे प्यार देने थें मेरा उत्साह वर्धन करते हें और इसीलियें में सभी का शुक्र गुज़ार हूँ लेकिन खासकर मुझे मेरे भाई दिनेश राय द्विवेदी ने समर्पण भाव से मुझे जो इंसानियत का सबक सिखाया हे उसे में जीवन भर नहीं भुला सकूंगा और इस सबक ने मेरी जिंदगी की रफ्तार में भी बदलाव किया हे में सोचता हूँ ऐसे भाई भी हे मेरे इस महान देश में ............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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बधाइयाँ जी बधाइयाँ,
जवाब देंहटाएंनया कलेवर मुबारक हो।
अख्तर भाई अब तो अच्छा लग रहा है आपका ब्लोग बहुत बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएं" है जान से प्यारा ये दर्दे मुहब्बत..........गजल "
ये हुई ना बात!
जवाब देंहटाएंहर्ष तो आपके देवनागरी शीर्षक को देख भी हुआ
द्विवेदी जी का आभार
jee akhtar jee ab
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लग रहा है.
द्विवेदी सर तो हैं GREAT. ब्लॉगजगत को उन पर नाज़ है.