तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 दिसंबर 2010
दो दिन का शिक्षक दिवस नतीजा जीरो रहा
राजस्थान में शिक्षकों के सन्गठन राज्य में शिक्षा के व्यवस्था पर चिन्तन और मंथन के लियें दो दिन का वार्षिक अधिवेशन करते हें और इस अधिवेशन को सरकार ने मान्यता देकर इस के आयोजन समय मने दो दिन का सरकारी अवकाश भी घोषित किया हे यानि जब शिक्षक अधिवेशन होता हे तो शिक्षकों और बच्चों की स्कुल की छुट्टी होती हे और स्कुल बंद रहते हें , कोटा शिर सारे राजस्थान में शिक्षकों ने अधिवेशन का आयोजन किया अलग अलग राजनीती से प्रेरित संगठनों ने अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलापा लेकिन राज्य में शिक्षकों का सम्मान केसे अर्जित किया जाये और साक्षरता का स्तर केसे बढ़ाया जाए इस मामले में किसी भी शिक्षक ने चर्चा नहीं की तबादले ,शिक्षकों की डियूटी के मामले में तो चर्चा हुई लेकिन शिक्षा मामले में कोई चर्चा नहीं हुई राजस्थान में सरकारी स्कुलो से भी अधिक संख्या में निजी स्कुल हें और सरकारी शिक्षकों से अधिक संख्या में निजी स्कूलों के अध्यापक हें लेकिन शिक्षक दिवस का लाभ इन स्कूलों और शिक्षकों को नहीं मिलता हे फिर शिक्षा मामले में इस दोहरे मापदंडों से शिक्षक दुखी हे निजी और सरकारी शिक्षक अलग अलग खेमे में बटे हें इन लोगों को बच्चों की पढाई से कोई मतलब नहीं बस खुद की सुख सुविधाओं और ट्रांसफर से ही उन्हें मजे आ रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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